मिलेनियल गेब्रियल बोरिक (Millennial Gabriel Boric) को चिली (Chile) की जनता ने अपना राष्ट्रपति (President) चुन लिया है। राष्ट्रपति चुनाव में 35 वर्षीय मिलेनियल गेब्रियल बोरिक को भारी बहुमत से जीत मिली है। ये देश के इतिहास में पहले सबसे युवा राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। बोरिक मार्च माह में राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। बता दें कि बोरिक साल 2011 से ही देश में बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाले बोरिक अब खुद कानून बनाएंगे और आने वाले समय में चिली के भविष्य को नया आकार देंगे। इनका नाम कई विवादित आंदोलनों से जुड़ा हुआ है।
इन मुद्दोंं के लिए कर चुके हैं आंदोलन
मिलेनियल गेब्रियल बोरिक साल 2014 में चिली में बेहतर शिक्षा को लेकर विरोध करने के बाद कांग्रेस के लिए चुने गए कई कार्यकर्ताओं में से एक थे। बोरिक को उनके आंदोलन के लिए जाना जाता है। वे आंदोलन का मुख्य चेहरा थे। चिली को Salvador Allende के बाद सबसे उदारवादी राष्ट्रपति मिलने जा रहा है जिसकी मौत 1973 में तख्तापलट के दौरान हो गई थी।
चिली की जनता मिलेनियल गेब्रियल बोरिक को अपना सबसे युवा राष्ट्रपति चुनने के बाद उम्मीद कर रही है कि वे शिक्षा, लिंगभेद और पर्यावरण क्षेत्र में बेहतर काम करेंगे। क्योंकि बोरिक इन तीनों ही मुद्दों पर आंदोलन कर चुके हैं।
कैसे जीता चिली की जनता का दिल
बता दें कि चिली की जनता इस समय राजनीतिक असंतोष का सामना कर रही है। जहां पर अमीरों को और अमीर, लिंग भेद, पेंशन और टैक्स जैसे मुद्दे सबसे ऊपर हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बोरिक ने अपने हर भाषण में जनता से अमीरों और गरीबों के बीच बराबरी, शिक्षा क्षेत्र में सुधार, लिंगभेद खत्म करना और टैक्स को कम करने का वादा करते रहे। यही कारण है कि वे जनता का दिल जितने में कामयाब साबित हुए।
बोरिक ने अपने भाषणों और वादों से विरोधी दल के नेता जोस एंटोनियों कास्ट को हरा दिया। कास्ट कई बार बोरिक को एक कट्टरपंथी कम्युनिस्ट के रूप में चित्रित करने की मांग कर चुके हैं। अब इन्हीं को हराकर मिलेनियल गेब्रियल बोरिक राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। बता दें कि बोरिक के गठबंधन में चिली की कम्युनिस्ट पार्टी भी शामिल है।
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