13 जून की सुबह इजरायल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिन्हें ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया गया। इन हमलों में ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने मुख्य निशाने पर थे। इजरायली सेना ने दावा किया कि 200 से ज्यादा फाइटर जेट्स ने एक साथ हमला कर 100 से ज्यादा लोकेशन को टारगेट किया, जिसमें ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए। जवाब में ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ नामक जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू की और इजरायल के कई शहरों पर मिसाइलें बरसाईं।
जानिए इस पूरे घटनाक्रम की 10 बड़ी बातें:
इजरायली वायुसेना का बड़ा हमला: इजरायल ने ईरान पर व्यापक हवाई कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें परमाणु फैसिलिटी और मिलिट्री बेस शामिल थे।
ईरान के शीर्ष अधिकारी मारे गए: इन हमलों में आईआरजीसी प्रमुख हुसैन सलामी, सेना प्रमुख मोहम्मद बाघेरी, अली शामखानी और एयरफोर्स कमांडर आमिर अली हाजीजादेह जैसे उच्च अधिकारी मारे जाने की रिपोर्ट है।
तेहरान समेत कई शहरों में धमाके: इजरायल के लगातार हमलों के चलते ईरानी राजधानी में भी कई जोरदार विस्फोट हुए। मेहराबाद एयरपोर्ट को भी दो मिसाइलों ने टारगेट किया, जहां लड़ाकू विमान और सैन्य बेस हैं।
ईरान की जवाबी कार्रवाई: जवाब में ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ के तहत 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर दागीं, जिनमें से छह मिसाइलें सीधे तेल अवीव में गिरीं। इसमें एक महिला की मौत और 63 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई।
नेतन्याहू का अलर्ट: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कहा कि यह अभियान अभी शुरू हुआ है और तब तक चलेगा जब तक ईरान का परमाणु खतरा समाप्त नहीं कर दिया जाता।
ईरान का UN में बयान: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ईरान ने बताया कि इजरायली हमलों में 78 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हैं।
दोनों देशों में आपात स्थिति: जहां ईरान ने पूरे देश में एयरस्पेस बंद कर इमरजेंसी लागू की, वहीं इजरायल में रेड अलर्ट जारी कर नागरिकों को सुरक्षित बंकरों में रहने की सलाह दी गई।
हवाई रक्षा प्रणालियों की सक्रियता: इजरायल ने दावा किया कि उसने ईरान की अधिकांश मिसाइलों और ड्रोन को इंटरसेप्ट कर निष्क्रिय कर दिया, जबकि ईरान में भी एंटी-एयर डिफेंस सक्रिय हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स और मिसाइल लॉन्च: ईरानी न्यूज एजेंसी IRNA ने कहा कि सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर छोड़ी गईं। इजरायली एयरफोर्स का कहना है कि वह अब भी ईरान की मिसाइल साइट्स पर हमला कर रही है।
मध्य पूर्व में तनाव चरम पर: सालों से जिस बड़े संघर्ष की आशंका जताई जा रही थी, अब वह सच होता दिख रहा है। अमेरिकी प्रशासन की कोशिशों के बावजूद इस बार दोनों देशों में खुली जंग के हालात बनते नजर आ रहे हैं। अयातुल्ला खामेनेई ने चेतावनी दी कि इजरायल को इस हमले की भारी कीमत चुकानी होगी।
इजरायल और ईरान के बीच यह टकराव अब वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि इसकी आंच पूरे मध्य पूर्व को अपनी चपेट में ले सकती है।