सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ढाई मोर्चे पर जंग के लिए तैयार रहने की बात कर रहे हैं… रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण किसी भी हालात से निपटने की बात कह रही है… लेकिन दुश्मनों पर इन बयानों का कोई असर नहीं हो रहा है… चीन अपनी विस्तारवादी नीति से बाज नहीं आ रहा है…चीन को जमीन की ऐसी भूख लगी है कि वो हर वक्त भारत की जमीन पर कब्जा करने की साजिश रच रहा है…भारत की सीमा पर घुसपैठ कर चीन लक्ष्मण रेखा लांघ रहा है… डोकलाम में 72 दिनों तक चले घटनाक्रम में मुंह की खाने के बाद ड्रैगन इस कदर बैखलाया है कि वो हर रोज नई-नई साजिश रच रहा है… एक बार फिर से चीन की नई साजिश उत्तराखंड में सामने आई है… चीन ने एक बार फिर भारत के आसमान में घुसपैठ की है…

उत्तराखंड के बराहोती में तीन चीनी हेलीकॉप्टर के घुसने का मामला सामने आया है… रिपोर्ट के मुताबिक, 10 मार्च को चीन के तीन हेलीकॉप्टर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में घुस गए थे… तीनों हेलीकॉप्टर बराहोती में 4 किमी अंदर तक घुस गए… ये हेलीकॉप्टर करीब 5 मिनट लक्ष्मण रेखा लांघकर भारत के इलाके में उड़ते रहे… चीन सीमा पर तनाव पैदा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है…पिछले एक महीने के अंदर सरहद के 4 अलग-अलग जगहों पर चीनी हेलीकॉप्टरों ने आसमानी घुसपैठ की है…जिसमें  उत्तराखंड के बराहोती, लद्दाख के ट्रिग हाईट, बुर्तसे और डेपसांग शामिल है….

10 मार्च को तीन चीनी हेलीकॉप्टर उत्तराखंड के बराहोती में भारतीय सीमा के अंदर करीब 4 किलोमीटर तक घुस आए… वहीं  8 मार्च को चीन ने लद्दाख के ट्रैक जंक्शन में 2 हेलीकॉप्टर से सुबह 8.55  पर घुसपैठ की… इस दौरान करीब 18 किलोमीटर अंदर तक भारत के आसमानी सीमा में दोनों चीनी हेलीकॉप्टर मंडराते रहे… 27 फरवरी को भी चीन ने लद्दाख के डेपसांग और ट्रिग हाईट में 19 किलोमीटर तक घुसपैठ की थी…

चीन की ये हिमाकत चिंता पैदा करने वाली है, वो जानबूझ कर भारत की सीमा में घुसपैठ कर भारत को चुनौती दे रहा है… चीन चाहता है कि भारत उसकी हिमाकत का जवाब दे और इसी बहाने वो खुलेआम जंग का ऐलान कर दे… भारत को इस तरह की हरकतों के जरिए उकसाने के साथ ही चीन भारत जंग के स्थिति में घेरन के लिए भी तमाम कोशिशें कर रहा है… चीन  भारतीय सीमा पर अपनी सैन्य ताकत को मजबूत कर रहा है…चीन लगातार भारतीय सीमा के पास सड़कों का निर्माण कर रहा है…

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने शक्सगम घाटी से सियाचिन के पास 36 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया है… ये वहीं इलाका है जिस पर पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा था जिसे बाद में पाकिस्तान ने चीन को तोहफे में दे दिया था…अब चीन इन इलाकों के जरिए भारत पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है…सियाचीन के पास चीन ने जो सड़क बनाई है उस सड़क पर चीन ने दो पोस्ट भी बनाया है… एक पोस्ट पाक अधिकृत कश्मीर के शक्सगम घाटी में और दूसरी उससे 20 किलोमीटर दूर बनाई गई है….

भारत ने इस ताजा निर्माण पर चीनी सरकार को अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है… डोकलाम विवाद के बाद ऐसा लग रहा था कि चीन शांत हो गया है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ… सैटलाइट से हासिल तस्वीरों में सियाचीन के पास सड़क और डोकलाम में सड़क निर्माण देखा गया है… इससे पहले 28 दिसंबर 2017 को जब दुनिया नए साल के जश्न की तैयारी में व्यस्त थी उस वक्त चीन दोस्ती की बात करते हुए भारत की सीमा में घुस आया था… अरूणाचल प्रदेश में चीनी सैन्य और असैन्य दल ने घुसपैठ करने की हिमाकत की थी…हालांकि भारतीय सैनिकों से आमना-सामना होने के बाद चीनी दल अपने औजारों और मशीनों को छोड़कर भाग निकला था…

28 दिसंबर 2017 को चीन का सड़क निर्माण दल भारत के अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग क्षेत्र में करीब एक किलोमीटर अंदर तक घुस आया था…ये दल खुदाई करने वाले उपकरण सहित सड़क बनाने वाली मशीनों से लैस था… ये चीनी सैनिक अरूणातल प्रदेश के तूतिंग उपसंभाग में बिसिंग गांव के पास सड़क निर्माण काम में लगे थे और इस पर भारतीय जवानों ने उन्हें रोका और खुदाई करने वाली उनकी दो मशीनें जब्त कर लीं…

दरअसल, ग्रामीणों ने चीन की गतिविधियों के बारे में पुलिस को सूचनी दी…जिसने बिशिंग के पास  डोग में तैनात आईटीबीपी को इसकी खबर दी…जब आईटीबीपी के लोग वहां पहुंचे तो दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, लेकिन चीनी दल ने सड़क निर्माण रोकने से इनकार कर दिया…तब भारतीय सेना को वहां भेजा गया, सेना के आने के बाद चीनी सैनिक भाग खड़े हुए और अपने पीछे सड़क बनाने के औजार और खुदाई की दो मशीनें छोड़ गए…

अरूणाचल प्रदेश में में ये कोई पहली घटना नहीं इससे पहले भी कई बार चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करते आए है… अब ताजा मामले में उत्तराखंड में चीनी हेलीकॉप्टर की घुसपैठ और पाक से तोहफे में मिले सीमाई इलाकों में सड़क बनाना बता रहा है कि चीन के मंसूबे बेहद खतरनाक हैं… ऐसे मुश्किल हालात में महज ये बयान जारी कर देना ही काफी नहीं है कि भारत किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है बल्कि इसके लिए मुकम्मल तैयारी की जरूरत है महज बयानबाजी से चीन जैसे ताकतवर दुश्मन के सामना करने की बात करना देश के साथ धोखा है

ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

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