सीजफायर का झटका! ईरान-इजरायल की चाल से क्यों भड़के डोनाल्ड ट्रंप?

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ईरान-इजरायल की चाल से क्यों भड़के डोनाल्ड ट्रंप?
ईरान-इजरायल की चाल से क्यों भड़के डोनाल्ड ट्रंप?

मंगलवार सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम का ऐलान किया, तो यह माना गया कि पश्चिम एशिया में तनाव कुछ कम होगा। लेकिन शांति की इस कोशिश पर जल्द ही संकट के बादल मंडराने लगे। इजरायल और ईरान की ओर से पहले युद्धविराम की पुष्टि हुई, लेकिन फिर अचानक ट्रंप का गुस्सा फूट पड़ा।

ट्रंप ने सीधे तौर पर इजरायल को निशाने पर लेते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर सख्त संदेश जारी किया। उन्होंने लिखा – “इजरायल, ये बम मत गिराना। यह युद्धविराम का सीधा उल्लंघन होगा। पायलटों को तुरंत वापस बुलाओ।”

सीजफायर के बीच मिसाइल और धमकी

ट्रंप की नाराज़गी की वजह ये रही कि उनके सीजफायर मीडिएशन के बावजूद इजरायल ने ईरान पर फिर हमला करने की तैयारी कर ली थी। इजरायली सेना का दावा था कि ईरान ने एक और मिसाइल उसकी ओर दागी है और वे इस पर पलटवार करेंगे। इस उकसावे के चलते ट्रंप ने एक बार फिर मोर्चा संभाला।

सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से सीधी बातचीत की। व्हाइट हाउस से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि यह बातचीत बेहद सख्त लहजे में हुई, जिसमें ट्रंप ने नेतन्याहू से स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर हमला हुआ, तो यह उनकी मध्यस्थता की नाकामी मानी जाएगी।

ट्रंप का दावा – हालात नियंत्रण में, विमान लौटे

कुछ समय बाद ट्रंप ने फिर से एक अपडेट साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि इजरायली विमानों को वापस बुला लिया गया है और अब कोई हमला नहीं होगा। उन्होंने लिखा: “सभी विमान अब वापस लौट रहे हैं। ईरान के ऊपर सिर्फ एक ‘दोस्ताना फ्लाईपास्ट’ हुआ था। संघर्षविराम अभी भी लागू है।” ट्रंप ने इजरायल को इस फैसले के लिए धन्यवाद भी दिया और लिखा कि यह समझदारी भरा कदम है।

ईरान को भी चेतावनी

ट्रंप की नाराजगी सिर्फ इजरायल से नहीं थी। उन्होंने ईरान को भी स्पष्ट संकेत दिया कि अगर उसने भड़काऊ गतिविधियों से बाज नहीं आया, तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अब ईरान कभी भी अपने न्यूक्लियर फैसिलिटी को फिर से तैयार नहीं कर पाएगा।