भारत पर बांग्लादेश के गंभीर आरोप: गायब हुए 3500 लोगों पर जांच आयोग की रिपोर्ट में भारत की भूमिका का शक

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Bangladesh’s serious allegations against India: बांग्लादेश और भारत के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव को और बढ़ाते हुए, बांग्लादेश के एक विशेष जांच आयोग ने भारत पर एक नया और गंभीर आरोप लगाया है। आयोग का कहना है कि देश से जबरन गायब हुए 3500 से अधिक लोगों के मामलों में भारत की संलिप्तता हो सकती है। इतना ही नहीं जांच आयोग की 2-3 महीने बाद एक और अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने की योजना भी है। यह जांच आयोग मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार द्वारा गठित किया गया था और इसकी रिपोर्ट ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना दिया है।

3500 से अधिक गुमशुदगी के मामले, RAB पर गंभीर सवाल

बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी BSS के अनुसार, गायब होने वाले इन मामलों में रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। आयोग ने RAB को खत्म करने की सिफारिश करते हुए, इसके कार्यों की कड़ी निंदा की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये घटनाएं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान हुईं और इनका भारत से संबंध होने का संकेत दिया गया है।

कई बांग्लादेशी कैदी अभी भी भारतीय जेलों में बंद – बांग्लादेश जांच आयोग

जांच आयोग की रिपोर्ट में जबरन गुमशुदगी के दो विशिष्ट मामलों का हवाला दिया गया है। जिसमें से पहला मामला सुप्रीम कोर्ट परिसर से अगवा हुए शुक्रंजन बाली नाम के व्यक्ति का है, जो बाद में एक भारतीय जेल में पाया गया। दूसरा मामला बीएनपी नेता सलाहुद्दीन अहमद से संबंधित है, जो भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण प्रणाली से जुड़ा है। आयोग का कहना है कि कई बांग्लादेशी कैदी अभी भी भारतीय जेलों में बंद हो सकते हैं, जिनकी जानकारी छिपाई गई है।

आयोग की अध्यक्षता और रिपोर्ट में और क्या-क्या

यह जांच आयोग बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में काम कर रहा है। पांच सदस्यीय आयोग ने अपनी रिपोर्ट को ‘अनफोल्डिंग द ट्रुथ’ शीर्षक से प्रस्तुत किया है। रिपोर्ट में न केवल 3500 से अधिक लोगों की गुमशुदगी का अनुमान लगाया गया है, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान उनके रक्षा सलाहकार, सेवानिवृत्त मेजर जनरल तारिक अहमद सिद्दीकी, और दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता का भी जिक्र किया गया है।

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर बढ़ता तनाव

भारत और बांग्लादेश के बीच हाल के वर्षों में सीमा विवाद, अवैध प्रवासन, और तस्करी जैसे मुद्दों पर पहले से ही तनाव चल रहा है। इस नई रिपोर्ट ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि भारत-बांग्लादेश कैदियों की अदला-बदली से संबंधित खुफिया जानकारी भी इस मामले से जुड़ी हो सकती है।

अगली रिपोर्ट और संभावित प्रभाव

जांच आयोग ने मार्च 2024 तक एक और अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने की योजना बनाई है। इस नई रिपोर्ट के संभावित प्रभाव को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि आयोग की सिफारिशें और रिपोर्ट में लगाए गए गंभीर आरोप भारत और बांग्लादेश के संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना सकते हैं।

बांग्लादेश के इस जांच आयोग की रिपोर्ट ने एक गंभीर विवाद को जन्म दिया है। भारत पर लगाए गए ये आरोप न केवल दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित करेंगे, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक नई चुनौती पेश कर सकते हैं। अब यह देखना बाकी है कि दोनों देश इस मामले को कैसे सुलझाते हैं और क्या कूटनीतिक प्रयास इस तनाव को कम करने में सफल हो पाते हैं।