-Mihir
ब्रिटेन में इंडियन हाईकमीशन के बाहर खालिस्तान समर्थकों द्वारा तिरंगे का अपमान करने से पूरा देश इस समय गुस्से में है। खालिस्तानी समर्थकों ने पहले प्रदर्शन किया, फिर तिरंगे की जगह खालिस्तान का झंडा फहरा दिया। भारत इस मुद्दे को डिप्लोमेटिक लेवल पर उठा चुका है लेकिन सवाल उठता है कि अलगाववाद का जो खालिस्तान प्लान सालों पहले दफन हो गया था, उसे कौन भड़का रहा है? अमृतपाल के बहाने खालिस्तान की आग को भड़काना किसी टूल किट का हिस्सा है? कनाडा, यूके से लेकर क्या पाकिस्तान औऱ दुबई तक फैले हैं खालिस्तानी अलगाववादियों के तार ?
ये कुछ सवाल हैं जो अमृतपाल पर बवाल के बाद पैदा हुए। मामले में बब्बऱ खालसा इंटरनैशनल जो भारत औऱ ब्रिटेन में प्रतिबंधित है उसका रोल सामने आया है। बब्बर खालसा का चीफ पाकिस्तान में पनाह लिए है, उसका एक करीबी अमृतपाल के लगातार टच में था। खालिस्तान के जिन्न को फिर से बोतल से बाहर निकालने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार एक्टिव रही है। अभी तक जो जानकारी छनकर आई है वो इशारा करती है कि खालिस्तान के मुद्दे को फिर से जीवित करना आईएसआई के टूलकिट का हिस्सा है। जिसे भारत से बाहर कनाडा औऱ यूके जैसे मुल्कों में बैठे अलगाववादी हवा दे रहे हैं।
ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में बैठे हैं खालिस्तान के आका
ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में हाल ही में कई हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई। इन हमलों के तार सीधे तौर पर खालिस्तान समर्थकों से जुड़े हुए थे। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 12 जनवरी को स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ था। 6 जनवरी को विक्टोरिया में श्रीशिवा विष्णु मंदिर में तोड़फोड़ हुई। 23 जनवरी को मेलबर्न का इस्कॉन टेंपल निशाना बनाया गया। इन हमलों का मकसद एक था, खालिस्तान की आग को भड़काना। भारत के कानूनों से दूर कनाडा, ब्रिटेन से लेकर ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान समर्थक लगातार एक मृत आंदोलन को जीवित करने की की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जब आज से तकरीबन चार दशक पहले खालिस्तान के ढांचे को ध्वस्त कर दिया था तो आज के दौर में भी अमृतपाल हो या कोई नया बवाल, सिर उठाएगा तो कुचल दिया जाएगा।
अमृतपाल के ISI से जुड़े हैं तार
एक अमृतपाल हजार बवाल, वारिस पंजाब दे के मुखिया की यही कहानी है। खालिस्तान, पाकिस्तान, कनाडा ना जाने कहां कहां तार जुड़ रहे हैं लेकिन आतंक के इस आका का सबसे खतरनाक खाका देश को तोड़ने के मंसूबे पर टिका था।
नशामुक्ति के नाम पर आतंक की फैक्ट्री
ये वो खुलासा है जिसने सुरक्षा एजेंसियों को भी चौंका दिया। अमृतपाल दरअसल नशा मुक्ति के नाम पर फिदायीन यानी आत्मघाती हमलावर के जत्थे तैयार करने की ताक में था। इस पूरे गेम में अमृतपाल मुहरा भर था क्योंकि मास्टरमाइंड पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई थी। पाकिस्तान से हथियारों की खेप मंगवाई जा रही थी, जिन्हें नशामुक्ति केंद्रों में स्टोर किया जा रहा था
आनंदपुर खालसा फोर्स
अमृतपाल, अमृत संचार के नाम पर अलगाव-वादी जहर की फसल बो रहा था। वो आनंदपुर खालसा फोर्स की तैयारी कर रहा था, ताकि उसके खालिस्तानी ख्वाब तामील हो सकें लेकिन अब सिक्योरिटी फोर्सेस से बचने के लिए गीदड़ की तरह खाक छान रहे अमृतपाल के ये मंसूबे चकनाचूर हो चुके हैं। पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई से अमृतपाल के कनेक्शन की कलई खुल चुकी है। खुलासा तो ये भी हुआ है कि अमृतपाल, प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का हैंडलर भी था। दोमुंही साजिश का सूत्रधार अमृतपाल बड़े शातिराना तरीके से खालिस्तानी प्लान को अंजाम देने की ताक में जुटा हुआ था।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल यानी बीकेआई 1980 में बना था, दहशतगर्दी के चलते इसे भारत ने बैन किया था और इंग्लैंड में भी ये संगठन प्रतिबंधित है
आतंक के आका का पूरा खाका इसलिए चौंकाता है कि प्लानिंग की जड़ें बहुत गहरी थीं। दस साल दुबई में रहकर अमृतपाल कोई दूध का कारोबार तो कर नहीं रहा था दरअसल ये सब आईएसआई के प्लान का हिस्सा था। इसी नापाक प्लान के तहत अमृतपाल को बब्बर खालसा इंटरनेशनल का हैंडलर बनाकर साल 2022 में आईएसआई ने भारत भेजा था, लेकिन आईएसआई के मास्टर स्ट्रोक माने जा रहे इस प्लान के अब परखच्चे उड़ चुके हैं और अमृतपाल खुद भागा भागा ना जाने किस बिल में जा छिपा है।