ट्रम्प प्रशासन के एक उच्च अधिकारी ने भारत विरोधी दहशतगर्दों को समर्थन देने और पठानकोट हमले की सुस्त जांच के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई और चेताया कि अगर भारत पर कोई बड़ा हमला होता है तो उसकी गाज अमेरिका-पाक संबंधों पर पड़ सकती है।

यह बातें अमेरिका के राष्ट्रीय ख़ुफ़िया विभाग के प्रमुख डेनियल कोट्स ने एक कांफ्रेंस के दौरान कही। कोट्स ने कहा कि अगर सीमापार से घुसपैठ और आतंकी हमले होना कम होते हैं और पठानकोट हमले कि जाँच तेज गति से होती है तो 2017 के अंत तक भारत पाकिस्तान के रिश्ते काफी हद तक सुधर सकते हैं। विश्व के ख़ुफ़िया विभागों के इस कांफ्रेंस में कोट्स ने आगे कहा कि सीमा पार से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन, गोलीबारी आदि से इन दोनों परमाणु शक्तियों के सम्बन्ध और ख़राब हो सकते हैं जिसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में बैठे दहशतगर्दों और आतंकी हमलों से क्षेत्र में अमेरिका के हित प्रभावित हो रहे हैं, जो लगातार भारत और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान, जमात-उद-दावा, अल कायदा जैसे समूह ना सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा है बल्कि इससे पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा को भी खतरा है।

कोट्स ने इस सम्मलेन में पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ रहे संबंधों को भी सवालों के घेरे में लिया और कहा कि चीन पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर (सीपीईसी) से भी दहशतगर्द और आतंकी गतिविधियों को लाभ ही होगा और इस कारीडोर के जरिये उन्हें आतंकवाद को पूरे क्षेत्र में फैलाने में मदद मिलेगी।

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