मासिक शिवरात्रि में “महामृत्युंजय मंत्र” का महत्व है बेहद खास, अकाल मृत्यु से दिलाता है मुक्ति

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भारत धरोहर का खजाना है। देश के पास अगर दुनिया को देने के लिए कुछ सबसे खास है तो वह मंत्र है। भारत के पास मंत्रों का खजाना है। भारत में हजारों ऐसे मंत्र हैं जो बड़ी से बड़ी मानसिक बीमारी को खत्म करने में मददद करते हैं। मन को शांत करते हैं। इन्हीं में से एक मंत्र “महामृत्युंजय मंत्र” है। यह मंत्रों का मंत्र है।

शिवपुराण में बताया गया है कि जो व्‍यक्ति महामृत्‍युंजय मंत्र का जप निरंतर करता है, उसके प्राण हरने से पहले यमराज को भी एक बार फिर से सोचना पड़ता है। महादेव देवों के देव के नाम से जाने जाते हैं। वह भक्तों की पुकार जल्द सुनकर उनके दुख दर्द दूर करते हैं।

भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। जटाधारी शिव शंकर जी को प्रसन्न करने में किसी भी मनुष्य को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है। शास्त्रों में कहा गया है कि महादेव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और इसके सामने यमराज को भी हार माननी पड़ती है।

यह है “महामृत्युंजय मंत्र”

ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ओम त्रयम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् भूर्भुव: स्वरोम जूं स:।

जब भी इस मंत्र का उच्चारण करें तो शुद्धता का ध्यान रखें। हमेशा शुद्ध उच्चारण ही करें। इस मंत्र के कई प्रकार हैं, लेकिन कोई भी व्यक्ति उपरोक्त मंत्र का जाप करके अपनी मनोकामना पूर्ति कर सकता है।

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