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Happy Birthday Gulzar Sahab: गुलज़ार की शायरी रूह को छू लेती...
जब वो युवा थे तब भी उनके कद्रदानों की कमी नहीं थी । खुद लता और एस.डी. बर्मन दा भी उनकी लेखनी के मुरीद हुआ करते थे और यही वजह थी की गुलजार के लिखे गीत को सुनकर ही लता जी और बर्मन दा का बरसों पुरना झगड़ा भी खत्म हो गया था । ऐसी कशिश है गुलजार और उनके अल्फाज़ों में….