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Amrita Pritam Birth Anniversary: अमृता प्रीतम “मैं तुझे फिर मिलूंगी….”
साहिर की लिखी नज़्म और अमृता के साथ उनका रिश्ता भी कुछ ऐसा ही था जो कभी मुक्कमल न हो सका लेकिन जब भी बात अमृता प्रीतम की होती है तो साहिर का नाम खुद ब खुद उनसे जुड़ जाता है या यूँ कहें कि दोनों दो जिस्म एक जान थे। वैसे भी प्रेम की पहेली को सुलझाना आसान नहीं है।