कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तरखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Harish Rawat ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी के हमलों का जमकर पलटवार किया है।
पंजाब की राजनीति में सिद्धू और कैप्टन के बीच लंबा घमासान चला, जिसके बाद कांग्रेस दो फाड़ में बंट गई। इतना कुछ हो जाने के बाद भी पंजाब कांग्रेस में लगी आग शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
पंजाब की राजनीति के जानकार बताते हैं कि कांग्रेस में जो भी बवाल हुआ उसके पीछे हरीश रावत का गहरा हाथ रहा। वहीं अब लगातार पंजाब विवाद के कारण कांग्रेस के भीतर और बाहर विरोधियों के निशाने पर रहने वाले हरीश रावत ने एक ही ट्वीट में कैप्टन अमरिंदर सिंह और मनीष तिवारी के हमले का दवाब दिया है।
Harish Rawat ने ट्वीट करके मनीष तिवारी और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर किया हमला
हरीश रावत ने कहा है, ‘मैं अमरिंदर सिंह जी की शुभकामनाओं को स्वीकार करता हूं। मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं उन्हें भी एहसास हो रहा है कि कांग्रेस छोड़ना एक गलती थी। और मनीष तिवारी केवल अपने गुरु (अमरिंदर) की बातों का अनुसरण कर रहे हैं। जैसे खुद अमरिंदर अपने गुरु की बातों का पालन कर रहे हैं।’
हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मनीष तिवारी का गुरु तो बता दिया, लेकिन ट्वीट में उन्होंने कैप्टन अमरिंदर के गुरु का जिक्र नहीं किया है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने Harish Rawat के लिए लिखा कि, ‘जो बोएंगे, वही काटेंगे’
दरअसल, हरीश रावत ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए एक ट्वीट किया था। जिसके बाद पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तंज कसते हुए ट्वीट किया। ट्वीट में अमरिंदर ने लिखा- ‘आप जो बोएंगे वही काटेंगे। आपको भविष्य की कोशिशों के लिए शुभकामनाएं’।
वहीं हरीश रावत के ट्वीट से नाराज कांग्रेस आलाकमान ने जैसे ही उन्हें दिल्ली तलब किया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भी Harish Rawat को निशाने पर ले लिया और तंज कसते हुए ट्वीट करके लिखा, पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखंड…भोग पूरा ही पाऊं गे, कसर न रह जावे कोई’। तिवारी इससे पहले पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को लेकर भी कांग्रेस हाईकमान पर निशाने साधते रहे हैं।
गौरतलब है कि Harish Rawat ने परोक्षतौर पर कांग्रेस में खुद को दरकिनार किया जाने का आरोप लगाते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किये। जिसमें हरीश रावत ने अपने दिल के दुख का इजहार किया था।

अपने ट्वीट में एक के बाद एक कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने लिखा-चुनावरूपीसमुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
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