कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान दिए गए बयानों ने एक बार फिर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। बोस्टन स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर गंभीर आरोप लगाए।
राहुल ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं की संख्या से अधिक वोटिंग हुई, जो पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शाम 5:30 से 7:30 बजे के बीच 65 लाख से ज्यादा वोट डाले गए, जबकि औसतन एक व्यक्ति को वोट डालने में 3 मिनट का समय लगता है। ऐसे में इतने कम समय में इतनी अधिक वोटिंग संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि इतने वोट डाले जाते तो रात 2 बजे तक प्रक्रिया चलती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने न केवल वीडियोग्राफी की मांग को खारिज किया, बल्कि चुनाव नियमों में बदलाव भी कर दिया। उन्होंने कहा कि अब चुनावों की वीडियोग्राफी की मांग करना भी संभव नहीं रहा, जिससे पारदर्शिता पर असर पड़ा है। उनके अनुसार, यह साफ संकेत है कि चुनाव प्रणाली में कोई गहरी खामी है और निष्पक्षता से समझौता किया जा रहा है।
बीजेपी ने किया तीखा पलटवार
राहुल गांधी के बयानों पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी विदेश की धरती से बार-बार भारत और उसके लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत की यात्रा पर हैं, राहुल गांधी का यह बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने भी राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेता विदेशी मंचों पर देश की संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की पुरानी आदत बन गई है और राहुल की पहचान भी इसी से जुड़ गई है।
क्या कहते हैं राहुल गांधी के आरोप?
- महाराष्ट्र चुनाव में युवाओं की संख्या से ज्यादा पड़े वोट
- सिर्फ दो घंटे में 65 लाख वोटिंग की बात अव्यावहारिक
- एक वोट में लगता है औसतन 3 मिनट
- इतनी वोटिंग में लगते पूरी रात, लेकिन मतदान हुआ समय से पहले
- चुनाव आयोग ने वीडियोग्राफी की मांग को खारिज किया
- नियमों में बदलाव कर दिया गया
- अब पारदर्शिता की मांग भी नहीं की जा सकती
- सिस्टम में भारी खामी और निष्पक्षता पर सवाल