भाजपा और कांग्रेस इन दिनों देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सत्ता पाने को लेकर पूरा जोर लगा रही हैं. पांच साल से सत्ता संभाल रही भाजपा को आस है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ-साथ पिछले पांच सालों में जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) सरकार द्वारा किए गए कामों के बूते दोबारा सत्ता में वापसी करेगी तो वहीं कांग्रेस 5 साल के बाद फिर से हिमाचल की सत्ता में लौटने को बेताब है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
इस समय जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और वो प्रदेश की सराज विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं. जयराम ठाकुर मंडी जिले की सराज विधानसभा सीट से 1998 से लगातार पांच बार से विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. हिमाचल मे 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम प्रोफेसर प्रेम सिंह धूमल की अप्रत्याशित हार के बाद जयराम ठाकुर को राज्य की कमान सौंपी गई थी. 2017 में वे तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की पहली पसंद बनकर उभरे थे.
ठाकुर के कंधो पर इस बार फिर से राज्य में भाजपा को सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी कराने और पुरानी परंपरा जिसमें हर पांच साल के बाद सीएम बदल जाता है को तोड़ने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.
2022 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जयराम ठाकुर छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार भी वह सराज से चुनावी मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के चेतराम ठाकुर से होगा. चेतराम ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते रहे हैं. चेतराम ठाकुर और जयराम के बीच पहले भी दो बार (2003 और 2017) सियासी जंग हो चुकी है लेकिन दोनों बार जयराम ठाकुर ने ही जीत हासिल की है. 2022 के चुनाव में तीसरी बार दोनों ठाकुर आमने-सामने हैं.
टंडी गांव से शिमला तक का सफर
मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत ही टंडी गांव में 6 जनवरी, 1965 को एक गरीब परिवार में जन्में जयराम ठाकुर पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर हैं. उनकी दो बहनें और तीन भाई हैं. पिता जेठू राम राजमिस्त्री का काम किया करते थे. माता का नाम ब्रिकू देवी जो घर संभालती थी.
ठाकुर की पढ़ाई-लिखाई स्थानीय स्तर पर ही हुई. बाद में उन्होंने वल्लभ गवर्नमेंट कॉलेज मंडी से बीए की पढ़ाई पूरी की और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से एमए किया. अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय के दिनों के दौरान जयराम ठाकुर RSS की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सक्रिय सदस्य रहे.
1980 के दशक में उन्होंने छात्र राजनीति में नाम कमाया और 1986 में एबीवीपी के राज्य सचिव के पद पर पदोन्नत हो गए. कॉलेज पूरा करने के बाद, ठाकुर 90 के दशक में भाजपा की युवा शाखा- भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में शामिल हो गए.
1993 में लड़ा विधानसभा का पहला चुनाव
जयराम ठाकुर ने वर्ष 1993 में 28 वर्ष की उम्र में चाचियोट (अब सराज) विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव लड़ा था लेकिन जीत दर्ज नहीं कर पाए. इसके ठीक पांच साल के बाद 1998 में उन्होंने इसी सीट पर जीत दर्ज करते हुए विधानसभा में कदम रखा.
2007 में अध्यक्ष के तौर पर पार्टी को दिलाई जीत
अपनी लो प्रोफाइल छवि और ईमानदारी के साथ-साथ सत्यनिष्ठा के लिए मशहूर ठाकुर 2003 में फिर से सराज से ही विधानसभा पहुंचे. ठाकुर को 2006 में राज्य भाजपा का प्रमुख बनाया गया और उनके ही नेतृत्व में, पार्टी ने 2007 के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार भी जीत हासिल की थी.
वह 2009 तक भाजपा के अध्यक्ष पद पर बने रहे. इसके बाद उन्हें धुमल सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया. ठाकुर 2012 के विधानसभा चुनाव में चौथी बार विधानसभा के लिए चुने गए ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ-साथ भाजपा के बड़े नेताओं से बेहतर रिश्ते और अच्छी राजनीतिक पकड़ रखने वाले जयराम ठाकुर को 2017 में हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं.