केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 334 लोगों की मौत हो चुकी है और 210 शव बरामद किए गए हैं। भूस्खलन के बाद आज चौथा दिन है और रेस्क्यू टीम मलबे में फंसे लोगों को बचाने के कार्य में लगे हुए हैं। बता दें कि 29-30 जुलाई की दरिम्यानी रात को मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में मूसलाधार बारिश के बीच बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था और इसमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं थीं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि रडार से मलबे के नीचे हरकतें नोटिस हुई हैं, जिससे लोगों के जीवित होने की संभावना बनी हुई है। लगभग 40 रेस्क्यू टीम कुत्तों के साथ, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह क्षेत्रों में खोज अभियान चला रही है। स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में अपनी मदद दे रहे हैं, जिससे अभियान को और भी बल मिल रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, इस कठिन समय में हम भारत के साथ हैं। बचाव में जुटे लोगों की हम सराहना करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, इस कठिन समय में हम भारत के साथ हैं।
केंद्र सरकार ने वायनाड के 13 गांवों सहित पश्चिमी घाट के 56,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। मेप्पडी में 17 राहत शिविरों में 707 परिवारों के 2,597 लोग रह रहे हैं, और जिले में कुल 91 शिविरों में लगभग 10,000 लोगों ने शरण ली है। सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आई है।