लखनऊ की एनआईए अदालत ने दो आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है। 4 सितंबर 2023 को ATS/NIA की स्पेशल कोर्ट ने कानपुर में रिटायर्ड टीचर रमेश बाबू की हत्या के मामले में आतंकी आतिफ और फैसल को दोषी पाया था। आज दोनों को कोर्ट में वर्चुअली पेश किया गया और सजा सुनाई गई।
एनआईए की विशेष अदालत नेअदालत ने उन्हें आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के एजेंडे को बढ़ावा देने का भी दोषी पाया। मालूम हो कि कानपुर में स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाई स्कूल के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल राम बाबू शुक्ला की 24 अक्टूबर, 2016 को उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह साइकिल से घर जा रहे थे। उन पर कानपुर के प्योंदी गांव के पास दोषी व्यक्तियों द्वारा बेरहमी से हमला किया गया था।
एनआईए की विशेष अदालत ने दोनों प्रतिवादियों को धारा 302 (हत्या) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया है। एनआईए ने 12 जुलाई, 2018 को दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप दायर किया था।
एनआईए के अनुसार, जांच के दौरान यह पता चला कि दोनों प्रतिवादी आईएसआईएस की विचारधारा से कट्टरपंथी हो गए थे और उन व्यक्तियों को खत्म करने के मिशन पर निकल पड़े थे जिन्हें वे अविश्वासी मानते थे।
इससे पहले 7 मार्च 2017 को मामले के तीसरे आरोपी मोहम्मद सैफुल्ला को ATS के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपी आईएसआईएस के प्रभाव में काम कर रहे थे। इन्होंने भारत के भीतर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी। जैसा कि एनआईए ने कहा है, आईएसआईएस की विचारधारा और एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए, उन्होंने पूर्व प्रिंसिपल की हत्या का जघन्य कृत्य किया था।