Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद और शृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत गुरुवार को सुनवाई करेगी। इस याचिका में जिला अदालत में हिंदू पक्ष के ओर से परिसर हिंदुओं को सौंपने मांग रखी गई है। याचिका में मुस्लिमों की एंट्री पर प्रतिबंध करने के अलावा पूजा की इजाजत की मांग वाली अर्जी पर दाखिल की गई है।
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद केस में सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था, जिसके बाद कोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से याचिका दायर की गई थी। इस मामले के सामने आने के बाद हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गई। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मांग को खारिज कर दिया था। दरअसल, पांच में से चार पक्षकारों ने इसके वैज्ञानिक जांच की मांग की थी। वहीं, मस्जिद पक्ष के लोगों का कहना है कि वहां ‘शिवलिंग’ नहीं बल्कि फव्वारा है।
Gyanvapi Masjid Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी हुई सुनवाई
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट में बुधवार को इंतजामिया कमेटी ने अपनी दलीलें पेश की। मस्जिद कमेटी की तरफ से बुधवार को मुख्य रूप से वक्फ एक्ट और 1991 के प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला दिया गया।
बता दें कि मस्जिद कमेटी की बहस बुधवार को पूरी नहीं हो सकी। अदालत इस मामले में अब 3 नवंबर को सुनवाई करेगी। 3 नवंबर की सुनवाई में सबसे पहले मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी करेगा। उसके बाद विपक्षियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इस ममाले में यूपी सरकार समेत 10 लोगों को पक्षकार बनाया है।
बताते चले कि जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच में बुधवार को करीब सवा घंटे तक सुनवाई हुई। तब सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन कोर्ट में मौजूद थे।
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