Assam Flood: असम में बाढ़ की स्थिति भीषण बनी हुई है। राज्य भर में 22.17 लाख से अधिक लोग अब भी प्रभावित हैं। राज्य के 34 में से 27 जिलों के कम से कम 1,934 गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। कछार जिले में डूबने से एक और मौत की सूचना मिली है, इस साल अप्रैल में राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं के बाद से बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की कुल संख्या 174 हो गई है। कुछ जिलों में स्थिति में मामूली सुधार हुआ। हालांकि, ब्रह्मपुत्र, कोपिली, दिसांग और बुरहीडीहिंग कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं।

Assam Flood: कछार जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
बता दें कि कछार सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है। यहां लगभग 12.32 लाख लोग अभी भी प्रभावित हैं, इसके बाद नगांव में लगभग 3.79 लाख और बारपेटा में 22.08 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। लोगों के पास खाने-पीने की चीजों का आभाव है। हर तरफ पानी ही पानी है। इतना ही नहीं, इन जिलों में बाढ़ के सड़े हुए पानी की बदबू से लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।

सरकार ने बाढ़ के बाद राहत बचाव कार्य पर भी जोड़ दिया है। इसी कड़ी में जिला अधिकारियों ने 23 जिलों में 404 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिसमें 2,77,335 लोगों को आश्रय प्रदान किया गया है। 138 राहत केंद्रों के माध्यम से बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री भी वितरित की जा रही है।

Assam Flood: सरकार की ओर से किया गया व्यवस्था
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैकड़ों घरों, सड़कों, पुलों, पुलियों, सिंचाई नहरों और तटबंधों को नुकसान पहुंचाने के अलावा, बाढ़ ने 7,81,780 घरेलू पशुओं और मुर्गी पालन को भी प्रभावित किया है। राज्य की एजेंसियों जैसे राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), अग्निशमन और आपातकालीन सेवा (F And ES), राज्य पुलिस के कर्मियों, स्थानीय प्रशासन, नागरिक सुरक्षा और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) आसपास काम कर रहा है।
इस बीच, असम में बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद, अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT), गृह मंत्रालय (MHA) की दोनों टीमों ने राज्य सरकार, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
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