Ahir regiment: भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग के लिए गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल के पास नौ दिन से संयुक्त अहीर रेजिमेंट के लोग धरना दे रहे हैं। खेड़की दौला टोल के पास द्वारका एक्सप्रेस वे के एक हिस्से में चल रहे अनिश्चित धरने के बीच संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा आज 13 फरवरी को अहम बैठक करने वाला है। मोर्चा की ओर कमेटी धरने में मौजूद लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद आंदोलन के आगे की रणनीति तैयार करेगी। इसके लिए मोर्चा ने जनप्रतिनिधियों का समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। आज रविवार को सोशल मीडिया पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें मोर्चा के सदस्य ट्विटर पर हैशटैग,#अहीर रेजिमेंट प्रोटेस्ट का ट्रेंड चलाकर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं।

क्या है Ahir regiment?
सैकड़ों वीर अहीर सैनिकों के शौर्य को याद करते हुए भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग की जा रही है। 40 साल पहले यह मांग अहीरवाल रेवाड़ी के डॉ. ईश्वर सिंह ने सेना में अहीरों की शहादत और पराक्रम-शौर्य, अहीर कौम की हिस्सेदारी, की मांग की थी। जिसके बाद अहीर रेजिमेंट को लेकर छोटे-छोटे आंदोलन शुरू हो गए। बता दें कि पूरे देश में हरियाणा और राजस्थान के एक विशेष हिस्से(यादव समाज) को अहीरवाल कहा जाता है। 2018 में अहीर रेजिमेंट को लेकर एक बार फिर आवाज उठाई गई। जिसके बाद मार्च 2018 में इसी मांग को लेकर तीन दिन भूख हड़ताल भी हुई, लेकिन इसे आश्वासन देकर रोक दिया गया था।

वहीं 11 फरवरी 2022 को लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव(Shyam Singh Yadav ) ने भी शून्यकाल के दौरान अहीर रेजिमेंट का मुद्दा उठाया था। श्याम सिंह ने कहा था कि देश में राजपूताना, गोरखा, सिख आदि समुदायों के नाम पर सेना में रेजिमेंट के नाम दिए गए हैं। अहिर समाज में भी कई वीर सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान गवाई है। लेकिन किसी भी अहिर सैनिक का नाम रेजिमेंट में नहीं है। सेना में अहिरों के नाम पर अलग से रेजिमेंट स्थापित की जानी चाहिए। अहीर रेजिमेंट का गठन यादव समाज की बहुत पुरानी और एक जायज मांग है।
संबंधित खबरें:
- Chattisgarh News: Bijapur नक्सली मुठभेड़ में CRPF के असिस्टेंट कमांडेंट शहीद, एक जवान घायल
- Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ में नक्सली मुठभेड़ में CRPF अधिकारी शहीद, Bhupesh Baghel बोले- ‘हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी’