“फिटनेस और फॉर्म बनाए रखने के लिए विराट-रोहित को घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए” — पूर्व चयनकर्ता संजय जगदाले

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व चयनकर्ता संजय जगदाले ने सुझाव दिया है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बरकरार रखने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू करना चाहिए।

दोनों खिलाड़ी अब सिर्फ एक प्रारूप (वनडे क्रिकेट) में टीम इंडिया का हिस्सा हैं, और हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में लगभग छह महीने बाद मैदान पर लौटे थे। हालांकि, उनकी वापसी उम्मीद के मुताबिक प्रभावशाली नहीं रही — रोहित शर्मा 14 गेंदों पर 8 रन और विराट कोहली 8 गेंदों पर शून्य पर आउट हो गए।

“नियमित मैच खेलना जरूरी है” — जगदाले

‘पीटीआई’ से बातचीत में जगदाले ने कहा, “उन्होंने सिर्फ एक प्रारूप में खेलने का फैसला लिया है, और यह उनके लिए चुनौतीपूर्ण है। जब आप नियमित रूप से नहीं खेलते, तो आपकी लय और टाइमिंग प्रभावित होती है। यही हमने कई दिग्गजों के साथ देखा — चाहे वो धोनी हों, ब्रायन लारा या मैथ्यू हेडन।”

उन्होंने कहा कि खेल से लंबे अंतराल का असर फिटनेस और मानसिक तैयारी दोनों पर पड़ता है।

2027 विश्व कप की उम्मीद फिटनेस पर निर्भर

पूर्व चयनकर्ता ने कहा कि कोहली और रोहित का 2027 विश्व कप तक खेलना पूरी तरह उनकी फिटनेस और फॉर्म पर निर्भर करेगा। वे बोले, “दोनों ने भारत के लिए अद्भुत योगदान दिया है, लेकिन अगर उन्हें अगले दो साल तक अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखनी है, तो घरेलू क्रिकेट या भारत ए जैसे टूर्नामेंटों में खेलना उनके लिए फायदेमंद रहेगा।”

“घरेलू क्रिकेट में खेलना लय में रहने का सबसे अच्छा तरीका”

जगदाले ने आगे कहा, “घरेलू टूर्नामेंट जैसे रणजी ट्रॉफी या विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने से न सिर्फ उनका गेम टच बना रहेगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी यह प्रेरणा का काम करेगा। मुझे नहीं पता कि उनके मन में क्या योजना है, लेकिन उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में खेलते रहना चाहिए।”

“वनडे क्रिकेट की आवृत्ति कम हो रही है”

उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में 50 ओवर के मुकाबले सीमित हो जाएंगे, जिससे खिलाड़ियों को अभ्यास और मैच फिटनेस के लिए वैकल्पिक मंचों की ज़रूरत होगी।

“अब वनडे मुकाबले कम खेले जा रहे हैं। ऐसे में अगर आप घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, तो आपकी बॉडी और माइंड दोनों गेम में बने रहते हैं।”

“अंतरराष्ट्रीय संन्यास के बाद बदलाव स्वाभाविक”

जगदाले ने यह भी माना कि कई खिलाड़ियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर से दूर रहने के बाद बदलाव आ जाता है. उन्होंने कहा, “बहुत से क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय स्तर से हटने के बाद पहले जैसे नहीं रहते, यह स्वाभाविक है। लेकिन कोहली और रोहित जैसे खिलाड़ी अगर लगातार खेल में बने रहें, तो वे लंबे समय तक भारत के लिए उपयोगी रह सकते हैं।”