Ashwin Retirement: भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक, रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। यह खबर क्रिकेट फैंस के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT 2024-25) सीरीज के बचे हुए मुकाबलों में टीम इंडिया को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत पड़ सकती है। अश्विन ने मौजूदा सीरीज के दूसरे मुकाबले (एडिलेड टेस्ट) में गेंदबाजी और बल्लेबाजी की थी। हालांकि, उन्होंने दोनों इनिंग्स में मिलाकर 29 रन (22 और 7) बनाए और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ 1 विकेट ही ले सके थे। आइए जानते हैं अपने सन्यास पर क्या बोले आर अश्विन और कैसा रहा उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सफर।
दरअसल, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा, ब्रिस्बेन के मैदान पर आज यानी बुधवार (18 दिसंबर 2024) को तीसरे टेस्ट का समापन हुआ, बारिश के खलल से भरे इस टेस्ट का नतीजा ड्रॉ रहा। जिसके बाद कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे आर अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से सन्यास का ऐलान किया।
अश्विन के क्रिकेट करियर का सफर
बता दें कि आर अश्विन ने अपने 13 साल के लंबे और सफल करियर में भारतीय क्रिकेट को कई यादगार पल दिए हैं। अश्विन ने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ ओडीआई मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और जल्द ही भारतीय टीम का अभिन्न हिस्सा बन गए। उन्होंने अपने 14 साल से लंबे करियर में टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया और खुद को भारत के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में शामिल किया।
- टेस्ट क्रिकेट:
अश्विन ने 100 से अधिक टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 500 से ज्यादा विकेट हासिल किए। वह भारत के सबसे सफल स्पिन गेंदबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने 30 से अधिक बार पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया है। इसके साथ ही बल्ले से भी उन्होंने भारत के लिए 6 शतक और 14 अर्धशतक समेत कई महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं। - वनडे क्रिकेट:
अश्विन ने 100 से ज्यादा वनडे मैच खेले और 150 से अधिक विकेट लिए। उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा बनकर अपना योगदान दिया। - टी20 क्रिकेट:
अश्विन ने 60 से अधिक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 70 से ज्यादा विकेट लिए। वह भारत के प्रमुख टी20 गेंदबाजों में से एक रहे हैं। हालांकि निचले क्रम में होने के कारण उन्हें बल्लेबाजी में बहुत अधिक मौके नहीं मिले।
संक्षिप्त में बात करें तो अश्विन ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 106 टेस्ट मैच भारत के लिए खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 537 विकेट अपने नाम किए हैं। जिसमें उन्होंने बतौर स्पिन गेंदबाज अपने करियर में 37 बार 5 विकेट और 8 बार दस विकेट लेने का भी कारनामा किया है। उनके टेस्ट करियर का इकॉनमी 2.83 का रहा है, बाकी अगर औसत की बात करें तो वे 24 से अधिक का रहा है। ओडीआई में भारत के लिए अश्विन ने 116 वनडे मैचों में 156 विकेट लिए हैं। वनडे में भी उनका इकॉनमी 4.93 का रहा है, जो कि काफी काबिलेतारीफ कहा जा सकता है। टी20आई मैचों की बात करें तो अश्विन ने 65 मैचों में 72 विकेट अपने नाम किए हैं।
करियर के यादगार पल
- 2016-17 सीजन:
अश्विन को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए “आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर” का अवार्ड मिला। 2016 में आईसीसी मेन्स क्रिकेटर ऑफ द ईयर और आईसीसी मेन्स टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर बने। 2015 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हुए। - घरेलू मैदान पर तूफानी प्रदर्शन:
भारत में खेले गए टेस्ट मैचों में अश्विन की गेंदबाजी विपक्षी टीमों के लिए हमेशा एक चुनौती रही। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कुल मिलाकर 162 मैचों में 2.29 की इकॉनमी के साथ 779 विकेट चटकाए। जिसमें 56 बार 5 विकेट और 12 बार 10 विकेट लेने का कारनामा किया। वहीं बतौर बल्लेबाज उन्होंने 5415 रन, जिसमें 8 शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं।
अचानक संन्यास का ऐलान, बोले- आज आखिरी दिन है…मैंने बहुत मजा किया
अश्विन का संन्यास ऐसे समय में आया है जब भारतीय टीम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रही है। अश्विन ने भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया गाबा टेस्ट मैच ड्रा होने के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रारूपों में एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में यह मेरा आखिरी दिन होगा। मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में मुझमें अभी भी कुछ जोश बचा हुआ है। मैं क्लब-स्तरीय क्रिकेट में इसका प्रदर्शन करना चाहता हूं। मैंने बहुत मजा किया है। मैंने रोहित शर्मा और मेरे कई साथियों के साथ बहुत सारी यादें बनाई हैं।”
कैरम बॉल स्पेशलिस्ट ने आगे कहा, ”जाहिर है कि बहुत से लोगों को धन्यवाद देना है, लेकिन अगर मैं बीसीसीआई और साथी खिलाड़ियों को धन्यवाद नहीं देता तो मैं अपने कर्तव्यों में विफल हो जाऊंगा। मैं उनमें से कुछ का नाम लेना चाहता हूं, कुछ कोचों का भी जो इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण रोहित, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने कुछ कैच पकड़े हैं और मुझे इतने विकेट दिलाए हैं।”
अश्विन का सन्यास लेना भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह न केवल टीम के मुख्य ऑल राउंडरों में से थे, जो कि अपनी कैरम बॉल से बल्लेबाजों की नाक में दम कर देते थे। वे सिर्फ गेंदबाजी से ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी में भी निचले क्रम में टीम को मजबूती देते थे।