भारत की सुपर मुक्केबाज़ एमसी मैरीकॉम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुये यूक्रेन की हाना ओखोता को शनिवार को 5-0 से हराकर आईबा विश्व महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 45-48 किग्रा लाइट फ्लाईवेट वर्ग का स्वर्ण पदक जीत लिया। मैरीकॉम ने इसके साथ ही छठी बार स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास बना दिया। वह यह कारनामा करने वाली पहली मुक्केबाज और टूर्नामेंट की सबसे सफल मुक्केबाज बन गयी हैं। 35 वर्षीय सुपर मॉम मैरी ने यह मुकाबला जजों के सर्वसम्मत फैसले से जीता और जीत के बाद उन्होंने अपने प्रशंसकों का धन्यवाद किया जो भारी संख्या में आईजी स्टेडियम के केडी जाधव हाल में मौजूद थे। पूरे स्टेडियम में तिरंगा लहरा रहा था।

विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की ब्रांड एम्बेसेडर पहले ही अपना सातवां विश्व चैंपियनशिप पदक सुनिश्चित कर रिकार्ड बुक में जगह बना चुकी थीं और अब उन्होंने नया इतिहास रच दिया। इस स्वर्ण को जीतने के साथ ही मैरी की आंखों में आंसू आ गए। मैग्निफिशेंट मैरी के नाम से मशहूर ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मैरी ने यह मुकाबला 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 30-27 से जीता। अपना छठा स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही मैरी ने आयरलैंड की कैटी टेलर को पीछे छोड़ दिया जिनके नाम पांच विश्व खिताब हैं।

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35 वर्षीय मैरी ने इस साल अप्रैल में गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था और अब विश्व चैंपियनशिप में भी उन्होंने स्वर्ण जीत लिया। मैरी इससे पहले 2002 अंताल्या, 2005 पोदोलस्क, 2006 दिल्ली, 2008 निंगबो सिटी और 2010 ब्रिजटाउन में स्वर्ण पदक जीत चुकी थीं। उन्होंने 2001 स्क्रैंटन में रजत पदक जीता थामुक्केबाज पर कड़े प्रहार किये। मैरी ने दबदबा बनाया तो हाना ने भी वापसी करने की कोशिश की लेकिन वह भारतीय मुक्केबाज की चपलता को नहीं पकड़ पायीं। हाना ने पहले राउंड के आखिर में मैरी को गिराया लेकिन मैरी ने उठने के साथ ही हाना पर पंचों की बौछार कर दी। दूसरे राउंड में हाना ने जरूर आक्रामकता दिखाई लेकिन वह मैरी के डिफेंस में सेंध नहीं लगा सकी। तीसरे राउंड में मैरी ने ताबड़तोड़ प्रहार किये।

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हालांकि इतने पंच खाने के बाद यह हैरानी की बात थी कि हाना ने मुकाबला ख़त्म होने के बाद अपने हाथ विजेता के तौर पर उठाये थे लेकिन जजों ने जैसे ही मैरी को विजेता घोषित किया पूरा स्टेडियम हर्षोल्लास और मैरी-मैरी के नारों से गूंज उठा। मैरी भी अपने आंसू नहीं रोक पायीं और पूरी भावुकता के साथ उन्होंने दर्शकों का धन्यवाद किया। भारतीय मुक्केबाजी के इतिहास में वाकई यह सबसे यादगार पल था। मणिपुर की लीजेंड मुक्केबाज ने कहा, “मैं अपने सभी प्रशंसकों का धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया। मैं इस समय कुछ भावुक हूं। मैं अपनी साथी मुक्केबाजों का भी धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने लगातार मेरा हौसला बढ़ाया।”

-साभार, ईएनसी टाईम्स