Karun Nair: लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को एक और हार का सामना करना पड़ा, और इसके साथ ही टीम इंडिया एक बार फिर से टेस्ट सीरीज़ में पिछड़ गई है। दो मुकाबले अब भी बाकी हैं, लेकिन टीम को सीरीज़ में वापसी के लिए अब लगातार दोनों मैच जीतने होंगे, जो कि आसान बिलकुल भी नहीं होगा। टीम इंडिया फिलहाल टेस्ट में 2-1 से पीछे है।
इस हार ने टीम के आत्मविश्वास को तो झटका दिया ही, लेकिन एक ऐसे खिलाड़ी के चयन पर भी सवाल खड़ा किया है जो करीब आठ साल बाद वापसी का सपना लेकर आया है — नाम है करुण नायर।
तीन मैच, छह पारियां और लगातार नाकामी
करुण नायर को हाल ही में लंबे अंतराल के बाद टेस्ट टीम में शामिल किया गया था। उम्मीदें भी बड़ी थीं, डोमेस्टिक क्रिकेट में तूफानी बल्लेबाजी करके आ रहे नायर को इंग्लैंड दौरे के लिए जब सलेक्ट किया गया था तो आशा थी कि वे इंग्लैंड के खिलाफ 2016 वाला तिहरा शतक (303)* जैसा प्रदर्शन दोहराएंगे। लेकिन उनके बल्ले से मौजूदा सीरीज में 1 अर्धशतक भी नहीं आया।
इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट सीरीज में करुण नायर का प्रदर्शन
टेस्ट पहला टेस्ट (हेडिंग्ले) दूसरा टेस्ट (एजबेस्टन) तीसरा टेस्ट (लॉर्ड्स)
पहली पारी 0 32 40
दूसरी पारी 20 26 14
तीन टेस्ट मैचों की छह पारियों में वे एक भी प्रभावशाली पारी नहीं खेल पाए। उन्हें कुछ पारियों में शुरुआत तो अच्छी मिली लेकिन उसे वे बड़े स्कोर में परिवर्तित नहीं कर सके, रन बनाने के लिए जूझते करुण की बल्लेबाज़ी में वह ठहराव और आत्मविश्वास नहीं दिखा, जिसकी टीम को जरूरत थी।
तिहरे शतक के अलावा पूरी टेस्ट करियर पर सवाल
अगर हम आंकड़ों की बात करें तो करुण नायर ने अब तक 9 टेस्ट मैचों में 505 रन बनाए हैं। उनका औसत 42.08 है, जो देखने में प्रभावशाली लगता है। लेकिन जरा गौर करें — इनमें से 303 रन सिर्फ एक पारी में आए थे।
बाकी 12 पारियों में उन्होंने महज 202 रन ही बनाए हैं। यानी तिहरे शतक को छोड़ दें तो उनका टेस्ट में प्रदर्शन बेहद औसत ही नहीं, बल्कि निराशाजनक रहा है।
क्या करुण नायर को मिलेगा अगला मौका?
टीम मैनेजमेंट के लिए अब ये सवाल बड़ा होता जा रहा है कि क्या करुण नायर को अगले टेस्ट में खेलने का मौका मिलना चाहिए? फॉर्म, आत्मविश्वास और प्रदर्शन तीनों ही पहलुओं में वे अभी तक टीम की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। वहीं बेंच पर कुछ युवा और फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ भी मौके का इंतजार कर रहे हैं।
ऐसे में नायर के लिए अगला टेस्ट शायद “करो या मरो” जैसा हो सकता है — वो भी तब अगर उन्हें प्लेइंग 11 में शामिल किया जाए। उनके बदले साई सुदर्शन या फिर अभिमन्यु ईश्वरन को मौका मिल सकता है.