ENG vs IND Test Series Trophy Name Change: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट में खेली जाने वाली प्रतिष्ठित ‘पटौदी ट्रॉफी’ का नाम बदलकर अब ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ किए जाने के फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज़ है और अब भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस बदलाव को “थोड़ा अजीब” बताया और इस पर हैरानी जताई।
कपिल देव ने जताई असहमति
कपिल देव ने एक कार्यक्रम के दौरान इस विषय पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा,”यह थोड़ा अजीब है, क्या ऐसा भी होता है? लेकिन ठीक है, क्रिकेट में सब कुछ चलता है। आख़िरकार कोई अंतर तो नहीं है। क्रिकेट तो क्रिकेट है, ग्राउंड पर एक जैसा ही होना चाहिए।”
उनकी इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि वे पटौदी ट्रॉफी जैसे ऐतिहासिक नाम को बदले जाने के पक्ष में नहीं हैं। बता दें कि इस ट्रॉफी का नाम 2007 में भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान नवाब मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में रखा गया था, जिनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी ने भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए क्रिकेट खेला था।
विवाद का कारण
इस बदलाव का फैसला इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) द्वारा लिया गया है। ECB ने भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले टेस्ट सीरीज का नाम बदलकर इसे दो महान खिलाड़ियों जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखने की घोषणा की। हालांकि, इस पर क्रिकेट प्रेमियों, पूर्व खिलाड़ियों और समीक्षकों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सचिन तेंदुलकर ने भी इस बदलाव को लेकर इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से बातचीत की और अनुरोध किया कि पटौदी ट्रॉफी की ऐतिहासिक विरासत को बरकरार रखा जाए। इसके बाद ECB ने फैसला किया कि “पटौदी मेडल फॉर एक्सीलेंस” को सीरीज में बरकरार रखा जाएगा, जो विजेता टीम के कप्तान को दिया जाएगा।
इंग्लैंड के खिलाफ भारत का टेस्ट रिकॉर्ड
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट की टक्कर हमेशा से रोमांचक रही है, लेकिन हेड-टु-हेड रिकॉर्ड देखें तो इंग्लैंड का पलड़ा भारी नजर आता है। अब तक दोनों टीमों के बीच कुल 136 टेस्ट मुकाबले खेले जा चुके हैं, जिनमें से भारत ने सिर्फ 35 मैचों में जीत दर्ज की है। वहीं 51 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है, जबकि 50 मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए हैं।
अगर बात इंग्लैंड की सरजमीं पर भारतीय प्रदर्शन की करें, तो आंकड़े कुछ खास उत्साहजनक नहीं हैं। भारत ने इंग्लैंड में अब तक 67 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से सिर्फ 9 बार जीत हासिल कर पाया है। इसके उलट, 36 मुकाबलों में हार का मुंह देखना पड़ा है, जबकि 22 टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त हुए हैं। यह रिकॉर्ड बताता है कि इंग्लैंड में भारत के लिए टेस्ट जीतना अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।