India in Women’s Cricket World Cup: 2005 और 2017 – दो ऐतिहासिक मौके, जहां सपना अधूरा रह गया
महिला क्रिकेट विश्व कप के इतिहास पर नज़र डालें तो भारतीय महिला टीम ने अब तक दो बार विश्व कप फाइनल में जगह बनाई है—पहली बार 2005 में और दूसरी बार 2017 में। दोनों ही मौकों पर टीम इंडिया की कप्तान रहीं मिताली राज, जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी और नेतृत्व से भारतीय महिला क्रिकेट को नई पहचान दी। हालांकि, दोनों बार फाइनल मुकाबले में ‘वीमेन इन ब्लू’ को हार का सामना करना पड़ा।
पहला मौका आया था 2005 में, जब भारत ने दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन में खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना किया। उस समय ऑस्ट्रेलिया की कप्तान बेलिंडा क्लार्क थीं, जिन्होंने अपनी टीम को एक बार फिर विश्व चैंपियन बनाया। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 215/4 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम केवल 117 रन पर सिमट गई और मुकाबला 98 रनों से हार गई। यह हार भले ही दर्दनाक थी, लेकिन इसने भारतीय महिला क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
2017 में इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में टूटे सपने
इसके बाद 2017 में इंग्लैंड में आयोजित विश्व कप में भारत ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया। मिताली राज की कप्तानी में भारत ने पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड जैसी टीमों को हराकर फाइनल तक का सफर तय किया। लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत का सामना मेजबान इंग्लैंड से हुआ।
इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 228/7 का लक्ष्य दिया। जवाब में भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की और एक समय ऐसा लगा कि भारत खिताब अपने नाम कर लेगा। लेकिन अंत में टीम 9 रनों से मुकाबला हार गई। उस मैच में हरमनप्रीत कौर ने पूरे टूर्नामेंट में अपने आक्रामक खेल से दर्शकों का दिल जीत लिया था, वहीं मिताली राज ने टीम को एकजुट रखते हुए इतिहास के करीब पहुंचाया।
विश्व कप इतिहास में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा, भारत की नजर 2025 पर
वर्षों से महिला क्रिकेट विश्व कप पर ऑस्ट्रेलिया का दबदबा बना हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 7 बार खिताब अपने नाम किया है, जबकि इंग्लैंड ने 4 बार ट्रॉफी जीती है। वहीं भारत अब भी उस पहले विश्व खिताब की तलाश में है, जो उसकी मेहनत और संघर्ष को मुकम्मल पहचान देगा।
आगामी 2025 महिला क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी श्रीलंका करेगी, और भारतीय टीम का लक्ष्य इस बार इतिहास बदलने का होगा। मिताली राज के बाद नए नेतृत्व में टीम का प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा है। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा जैसी खिलाड़ी अब टीम की उम्मीदों का केंद्र हैं।