विश्व की नंबर एक टीम इंडिया ने सांसों को रोक देने वाले उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए ऑस्ट्रेलिया की चुनौती को आखिर तोड़ कर नया इतिहास रच दिया। भारत ने पहला टेस्ट पांचवें और अंतिम दिन रविवार को 31 रन से जीतकर चार टेस्टों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। भारत के टेस्ट इतिहास में यह पहली बार है जब उसने ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर सीरीज का पहला टेस्ट जीता है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 323 रन का लक्ष्य रखा जिसका पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट खोकर 104 रन से आगे खेलना शुरू किया और मेजबान टीम की पारी भारतीय सांसों को थमने के बाद 291 रन पर समाप्त हुई। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के नौ विकेट 259 रन पर गिरा दिए थे लेकिन नाथन लियोन और जोश हेजलवुड की आखिरी जोड़ी अड़ गयी और उन्होंने रन बटोरने शुरू कर दिया।

भारतीय कप्तान विराट कोहली के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होने लगी थीं लेकिन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हेजलवुड को जैसे ही स्लिप में लोकेश राहुल के हाथों कैच कराया पूरा भारतीय खेमा इस ऐतिहासिक जीत की ख़ुशी में उछल उठा। सभी भारतीय खिलाड़ियों ने अश्विन को बधाई दी। भारत की एडिलेड मैदान पर यह दूसरी जीत और ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर ओवरआल छठी जीत है। भारत को इस मैदान में इससे पहले जो एकमात्र जीत मिली थी वह उसे सौरभ गांगुली के नेतृत्व में दिसंबर 2003 में मिली थी। चेतेश्वर पुजारा को उनके पहली पारी के शतक के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। पुजारा ने दोनों पारियों में 123 और 71 रन बनाये।

एडिलेड में पहले टेस्ट ने रोमांच की परिभाषा को नए सिरे से लिखा और इस मैच ने दिखाया कि टेस्ट क्रिकेट ही असली पराकाष्ठा है जहां खिलाड़ी की सही मायनों में परीक्षा होती है। भारतीय कप्तान विराट ने भी इस ऐतिहासिक जीत पर ख़ुशी जताई और इसका श्रेय सभी टीम खिलाड़ियों को दिया। कोच रवि शास्त्री ने भी इस जीत के बाद खिलाड़ियों की जमकर सराहना की। मेजबान ऑस्ट्रेलया की भी सराहना की जानी चाहिए जिसने आसानी से हार नहीं मानी और हर विकेट के लिए भारतीय गेंदबाजों को संघर्ष कराया। आखिरी जोड़ी ने एक बार तो भारतीय खेमे को चिंता में डाल दिया था। विराट गेंदबाजों को बदल रहे थे लेकिन अंतिम जोड़ी टूट नहीं रही थी। अश्विन ने जैसे ही इस जोड़ी को तोड़ा भारतीय खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

अश्विन ने 52.5 ओवर की मैराथन गेंदबाजी में 92 रन देकर तीन विकेट लिए। अश्विन ने इस मैच में कुल छह विकेट लिए जो ऑस्ट्रेलिया में उनका एक टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। जसप्रीत बुमराह ने 24 ओवर में 68 रन पर तीन विकेट और मोहम्मद शमी ने 20 ओवर में 65 रन पर तीन विकेट लिए। इशांत शर्मा को 19 ओवर में 48 रन पर एक विकेट मिला।
भारत के युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत की भी तारीफ़ करनी होगी जिन्होंने विकेट के पीछे लाजवाब प्रदर्शन करते 11 शिकार कर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। वह दुनिया के तीसरे विकेटकीपर बन गए हैं जिन्होंने विकेट के पीछे एक टेस्ट में 11 शिकार किये हैं। पंत ने हमवतन रिद्धिमान साहा का विकेट के पीछे एक टेस्ट में 10 शिकार करने का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

-साभार, ईएनसी टाईम्स