Gukesh vs Praggnanandhaa Tiebreak: भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंद ने टाटा स्टील मास्टर्स 2025 का खिताब जीतकर एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली। रविवार, 2 फरवरी को नीदरलैंड के विज्क आन जी में खेले गए फाइनल मुकाबले में प्रगनानंद ने भारत के ही डी. गुकेश को हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब जीता। यह एक ऐतिहासिक मुकाबला था, क्योंकि फाइनल में दोनों भारतीय खिलाड़ी मौजूद थे। इसके साथ ही बात दें कि टूर्नामेंट के टॉप 10 प्लेयरों में 3 भारतीय प्लेयर शामिल थे।
कैसे हुआ मुकाबला टाईब्रेकर तक?
इस रोमांचक टूर्नामेंट में 13 राउंड के बाद प्रगनानंद और गुकेश दोनों के अंक समान थे। प्रगनानंद को खिताब जीतने के लिए केवल ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन आखिरी दौर में जर्मनी के विंसेंट कीमर के खिलाफ उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर, गुकेश भी अर्जुन एरिगैसी से हार गए, जिससे मुकाबला टाईब्रेकर तक पहुंच गया।
टाईब्रेकर में दोनों खिलाड़ियों ने जबरदस्त संघर्ष किया, लेकिन अंत में प्रगनानंद ने बाजी मार ली और खिताब अपने नाम कर लिया। बता दें कि यह लगातार दूसरा वर्ष था जब गुकेश टाईब्रेकर में हार गए, क्योंकि 2024 में वह चीन के चेस प्लेयर वेई यी से भी हार गए थे।
जीत के बाद प्रगनानंद ने क्या कहा?
खिताब जीतने के बाद प्रगनानंद ने मजाकिया अंदाज में कहा कि वह यह खिताब अर्जुन एरिगैसी को उपहार में देना चाहते हैं, क्योंकि उनकी जीत के कारण ही मुकाबला टाईब्रेकर तक पहुंचा। उन्होंने कहा,“मुझे नहीं लगा था कि अर्जुन गुकेश को हरा पाएंगे। कुछ समय तक ऐसा लग रहा था कि गुकेश को जीत मिलेगी। जब मैंने उनका मुकाबला देखा, तो मुझे अहसास हुआ कि मैं मुश्किल स्थिति में हूं। उस वक्त मुझे सिर्फ बचाव करना था।”
प्रगनानंद की इस जीत के साथ उन्होंने न केवल एक और प्रतिष्ठित खिताब जीता, बल्कि अपनी शतरंज यात्रा में एक नया मुकाम भी स्थापित किया।
भारत का दबदबा शतरंज में बढ़ा
इस टूर्नामेंट में तीन भारतीय खिलाड़ी—प्रगनानंद, गुकेश और अर्जुन एरिगैसी—शीर्ष मुकाबलों में शामिल रहे, जो यह दर्शाता है कि भारत अब शतरंज की दुनिया में एक बड़ी ताकत बन चुका है। प्रगनानंद की इस ऐतिहासिक जीत से भारत के युवा शतरंज खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी, और आने वाले समय में भारत का नाम शतरंज की दुनिया में और ऊंचा होगा।