एजबेस्टन टेस्ट में युवा जाेश से भरी टीम इंडिया की साख दांव पर ! 58 साल, आज तक नहीं मिली जीत; देखें पूरा इतिहास

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ENG vs IND 2nd Test: भारतीय टेस्ट टीम मंगलवार, 2 जुलाई से इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में दूसरा टेस्ट खेलने उतरेगी, जहां उसका रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ इस ऐतिहासिक मैदान पर भारत ने अब तक कुल 8 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक बार भी जीत हासिल नहीं कर पाया। 7 हार और 1 ड्रॉ के साथ एजबेस्टन भारतीय टीम के लिए ‘मनहूस मैदान’ साबित होता रहा है।

पहला टेस्ट हेडिंग्ले में हारने के बाद भारतीय टीम पर दबाव और बढ़ गया है। इंग्लैंड ने पहला मुकाबला 5 विकेट से जीता था और अब सीरीज में 1-0 की बढ़त ले चुका है। एजबेस्टन के आंकड़े देखें तो 1967 से 2022 तक भारत ने इस मैदान पर 8 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से सबसे हालिया मैच 2022 में हुआ था जिसमें टीम इंडिया को 7 विकेट से हार मिली थी। यानी लगभग 58 सालों से इस मैदान पर टीम इंडिया को जीत हासिल नहीं हुई है।

एजबेस्टन में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड

वर्षरिजल्टहार का अंतर
1967हार132 रन
1974हारपारी और 78 रन
1979हारपारी और 83 रन
1986ड्रा
1996हार8 विकेट
2011हारपारी और 242 रन
2018हार31 रन
2022हार7 विकेट

वैसे तो अधिकतर मुकाबलों में इंग्लैंड की टीम ही एक तरफा मुकाबला जीती है, लेकिन बताते चलें कि भारत ने साल 2018 के इंग्लैंड दौरे में जब यहां खेला तो अच्छा प्रदर्शन किया था और टीम जीत की दहलीज पर भी पहुंच गई थी। इस मुकाबले में तब कप्तान रहे विराट कोहली ने दोनों पारियों में शानदार बल्लेबाजी की थी, जिसमें पहली पारी में शतक (149) और दूसरी पारी में अर्धशतक (51) जड़ा था। लेकिन अंत में इंग्लैंड ने वह मुकाबला 31 रन से अपने नाम कर लिया था।

इसके बाद 2022 में भी लग रहा था कि इस मैदान का इतिहास भुलाकर टीम इंडिया जीत सकती है, लेकिन इंग्लैंड के मजबूत बैटिंग लाइनअप के सामने भारतीय गेंदबाजों का जोर न चला। यहां, कोहली वाला काम उस समय ऋषभ पंत ने किया था। जिन्होंने पहली पारी में शतक (146) और दूसरी में अर्धशतक (57) जड़ा था। लेकिन इंग्लिश बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने दोनों इनिंग्स में शतकीय पारियों (106 और 114*) के दम पर इंग्लैंड को 7 विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

टीम में संभावित बदलाव

जसप्रीत बुमराह को आराम दिए जाने की खबरों के बाद, उनकी जगह पर अर्शदीप सिंह/आकाशदीप या ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी जैसे युवा गेंदबाज को मौका मिल सकता है। जबकि बल्लेबाजी क्रम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है।

एजबेस्टन में इंग्लैंड का दबदबा

यह सिर्फ एक मैदान की बात नहीं, बल्कि कुल टेस्ट इतिहास में भी इंग्लैंड का भारत पर पलड़ा भारी रहा है। अब तक दोनों टीमें 137 टेस्ट मुकाबलों में आमने-सामने आई हैं, जिनमें इंग्लैंड ने 52 मैच जीते, जबकि भारत को 36 जीत मिली है। 50 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं।

जब बात इंग्लैंड की धरती की हो, तो आंकड़े और भी चिंताजनक नजर आते हैं। यहां अब तक 68 टेस्ट मुकाबले खेले जा चुके हैं, जिनमें इंग्लैंड ने 37 मैचों में जीत दर्ज की है, जबकि भारत को केवल 9 बार सफलता मिली है। 22 मैच ड्रॉ रहे हैं।

इंग्लैंड ने एजबेस्टन में खेले गए कुल 56 टेस्ट मैचों में से 30 जीते हैं और केवल 11 हारे हैं, जबकि 15 ड्रॉ रहे हैं। घरेलू दर्शकों के सामने यह मैदान उनके लिए हमेशा एक मजबूत किला रहा है। भारत के लिए यह मैदान एक मानसिक अवरोध बन चुका है, जिसे तोड़ना अब जरूरी हो गया है।

क्या कहती है रणनीति?

भारतीय टीम को इस टेस्ट में न सिर्फ विरोधी टीम से बल्कि खुद के इतिहास से भी लड़ना होगा। नए कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि टीम को दबाव से उबारकर जीत की पटरी पर लाया जाए। आकड़ों को ध्यान से देखें तो पता चलता है कि पहली पारी में टीम इंडिया यहां अच्छा प्रदर्शन करती है लेकिन अपनी दूसरी पारी में भारतीय बलीबाजी क्रम लड़खड़ा जाता है। इसलिए दूसरी पारी में बल्लेबाजी को मजबूत करने की रणनीति पर फोकस करना अच्छी रणनीति साबित हो सकती है। वहीं, इंग्लिश पिच पर फिलहाल कुलदीप यादव को मौका शायद ही मिले, ऐसे में स्पिनरों की भूमिका सीमित हो सकती है, परिणामस्वरूप तेज गेंदबाजों को लंबी और सटीक लाइन-लेंथ के साथ उतरना होगा। बुमराह की गैरमौजूदगी में टीम की गेंदबाजी बिखर जाएगी या निखर जाएगी? – ये देखना दिलचस्प होगा।