शुक्रवार (Friday) का दिन धन, सुख और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) का होता है। घर में खुशियां लाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा शाम के समय की जाती है। ऐसी मान्यता है कि यदि मां लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि – विधान से की जाए तो धन की कभी कमी नहीं होती है। साथ ही पूजा के बाद आरती करने से माता प्रसन्न होती है। और जीवन में सुख-सौभाग्य को बनाएं रखती हैं !!
इस तरह करें पूजा
मां लक्ष्म की पूजा बहुत ही विधि विधान से की जाती है। बिना आरती के मां की पूजा अधूरी होती है। इसलिए जब भी शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें तो आरती जरूर करें। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए लाल रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
शुक्रवार के दिन एक लाल रंग का कपड़ा लें और इस कपड़े में सवा किलो चावल रखें। ध्यान रहे कि चावल का एक भी दाना टूटा नहीं होना चाहिए। चावल की पोटली बनाकर हाथ में लेकर ॐ श्रीं श्रीये नम: का पांच माला जाप करें। फिर इस पोटली को तिजोरी में रख दें। कहते हैं कि ऐसा करने से धन प्राप्ति का योग बनता है।
मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
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