पितृ पक्ष का पर्व पितरों के लिए समर्पित होता है। पितृ पक्ष का प्रारंभ भाद्रपद की पूर्णिमा से होता है और पितृ पक्ष से पहले ही सोमवती अमावस्या आती है। इस साल भाद्रपद माह की अमावस्या 2 सितंबर 2024 को है। हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बहुत ही विशेष महत्व होता है, खासकर पितरों की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए। सोमवती अमावस्या पर आप कुछ आसान उपाय करके अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
सोमवती अमावस्या 2024 मुहूर्त
- भाद्रपद कृष्ण अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 2 सितंबर, सोमवार, सुबह 5 बजकर 21 मिनट से
- भाद्रपद कृष्ण अमावस्या तिथि की समाप्ति: 3 सितंबर, बुधवार, सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:29 बजे से प्रात: 05:15 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:55 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक
- श्राद्ध का समय: दिन में 11:30 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक
सोमवती अमावस्या का महत्व?
अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में पितरों को समर्पित मानी गई है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए गए कार्यों से वे प्रसन्न होते हैं और अपने परिवार पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं। इस दिन किए गए पूजा-पाठ, व्रत, और दान-पुण्य से घर में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष का डर भी दूर हो जाता है।
पितरों की शांति के उपाय?
- सोमवती अमावस्या के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लें।
- सूर्य देव की पूजा करें और फिर अपने पितरों का स्मरण करें।
- जल, काले तिल, सफेद फूल से उनके लिए तर्पण करें। ऐसा करने से उनकी नाराजगी दूर होगी और वे आपको आशीर्वाद देंगे।
- सोमवती अमावस्या पर पितरों को खुश करने के लिए शाम के वक्त अंधेरा होने पर दक्षिण दिशा में एक सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं।
- सोमवती अमावस्या के दिन तड़के सुबह भोजन बनाएं और पितरों को अर्पित करें।
- पितरों को खुश करने के लिए सफेद वस्त्र का दान कर सकते हैं।
- इसके अलावा अनाज, फल आदि का दान किसी गरीब ब्राह्मण को कर सकते हैं।
यदि परिवार में कोई विशेष पितृ दोष है, तो इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध का आयोजन करें। पिंडदान करते समय पवित्र मंत्रों का जाप करें और धार्मिक ग्रंथों का पाठ अवश्य करें। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
मंत्र जाप और पूजा:
ॐ महादेवाय नमः
ॐ श्री लक्ष्मयै नमः
इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती।