सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है और इसे विशेष रूप से सोमवार को किया जाता है। इस दिन सच्चे मन से शिव जी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसके साथ ही, इस दिन उपवास करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। विशेष रूप से, सोम प्रदोष व्रत के दौरान कुछ खास मंत्रों का जाप करने से व्रत का फल दोगुना हो सकता है। आइए जानते हैं कौन से मंत्रों का जाप इस दिन करना चाहिए।
सोम प्रदोष व्रत पर कौन से मंत्रों का पाठ करें:
- ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
- ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ महादेवाय नमः
- ॐ कार्तिकेय नमः
- ॐ पार्वती नमः
- ॐ गौरीशंकरार्धनाथ्री नमः
- ॐ नमः शिवाय गुरुदेवाय नमः
- ॐ ह्रौं जूं सः भूर्भुवः स्वः, ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्। उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्, ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं। विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो।।
प्रदोष व्रत का महत्व:
सोम प्रदोष व्रत का पालन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और यह व्रत बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से मानसिक शांति, सुख-समृद्धि, संतान की प्राप्ति और विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने में मदद मिलती है। मान्यता है कि शिव जी से जुड़े इस उपवास से मनचाहा वर प्राप्त होता है, और विवाहित लोग इस व्रत को करने से अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति का अनुभव करते हैं। यह व्रत महीने में दो बार आता है, यानी पूरे साल में 24 प्रदोष व्रत होते हैं।
(DISCLAIMER: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। APN NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है।)