Jivitputrika Vrat 2022: हिंदू धर्म की मान्याताओं के अनुसार जितिया व्रत संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत शुरू होता है। तीन दिन तक चलने वाला यह व्रत महिलाओं के लिए बेहद कठिन व्रत माना जाता है। यह व्रत सप्तमी से लेकर नवमी तिथि तक चलता है। इस व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास रहकर संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
देश के अलग- अलग हिस्सों में इस व्रत को जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन व्रत नाम से जाना जाता है। इस साल जितिया व्रत 17 सितंबर को 2:56 बजे से प्रारंभ हो रहा है जो 18 सितंबर शाम 4:39 बजे तक है। सूर्य उदय तिथि 18 सितंबर को है। हर साल जितिया व्रत नहाए-खाए से प्रारंभ होता है और पारण पर समाप्त हो जाता है। आइए जानते हैं जीवित्पुत्रिका व्रत पूजन विधि और शुभ योग।

Jivitputrika Vrat 2022: जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त?
17 सितंबर को नहाय-खाय होगा। 18 सितंबर को पूरे दिन उपवास रहेंगी। शाम को जिउतिया का पूजन होगा. बिहार में सबसे ज्यादा चलने वाले ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 18 सितंबर की शाम 6:05 बजे 7:33 तक कुंभ लग्न है। इसमें पूजा करना शुभकारी माना गया है, क्योंकि कुंभ लग्न स्थिर लग्न होता है और यह पूजा के लिए अच्छा माना जाता है।
Jivitputrika Vrat 2022: जितिया व्रत की पूजन विधि
जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान जीमूतवाहन की पूजा करें। इस पूजा के लिए कुश से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें। इस व्रत के दौरान मिट्टी में गाय का गोबर मिलाकर उससे चील और सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है। इन दोनों मूर्तियों के माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है। तीसरे दिन व्रत का पारण करने के बाद अपने हिसाब से दान और दक्षिणा भी देना चाहिए। मान्यता है कि व्रत का पारण सूर्योदय के बाद गाय के दूध से ही करना चाहिए।

Jivitputrika Vrat 2022: भूलकर जितिया व्रत में ना करें ये गलतियां
- जीवित्पुत्रिका व्रत तीन दिन तक रखा जाता है और इसका महत्व छठ महापर्व की तरह ही होता है।
- पहले दिन नहाए खाए, दूसरे दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है।
- जो महिलाएं निर्जला व्रत कर रही है उन्हें नहाए खाए के दिन सूर्यास्त के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए।
- इस दिन भोजन सूर्यास्त से पहले ही कर लेना चाहिए।
- नहाए खाए के दिन केवल व्रती ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार में किसी को भी लहसुन-प्याज या इससे बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जितिया व्रत में बाल और नाखून काटना निषेध माना गया है।
- ध्यान रखें कि इस दिन भूलकर भी कोई अशुद्ध कार्य ना करें।
- जितिया व्रत को बेहद ही कठिन और पुण्य देने वाला व्रत माना जाता है इसलिए गलतियां करने से बचना चाहिए।
- इस दिन घर में मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर देवताओं का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।
- जीवित्पुत्रिका व्रत के दिन गलत व्यवहार या झूठ बोलने से बचना चाहिए। इस दिन किसी के साथ बुरा ना करें और ना ही अपशब्द कहें।
(नोट- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।)
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