Hartalika Teej 2021: हिंदू धर्म के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका (Hartalika Teej vrat) तीज व्रत रखा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखा जाता है। इस व्रत को सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि यह व्रत निर्जला रखा जाता है। कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej vrat) को सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत के लिए मायके से महिलाओं के श्रृंगार का समान, मिठाई, फल और कपड़े भेजे जाते हैं।
हरतालिका तीज महत्व
हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej vrat) करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की भी प्राप्ति होती है। संतान सुख भी इस व्रत के प्रभाव से मिलता है। अगर आप पहली बार इस व्रत को रखने जा रहें है तो एक बात जान ले कि व्रत को जीवनपर्यंत रखना अनिवार्य है। केवल एक स्थिति ही में इस व्रत को छोड़ा जा सकता है, जब व्रत रखने वाले गंभीर रूप से बीमार पड़ जाएं लेकिन यहां भी ये ध्यान देना होगा, कि ऐसी स्थिति में व्रत रखने वाली महिला के पति या किसी दूसरी महिला को ये व्रत रखना होगा।
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त (Hartalika teej shubh muhurat)
प्रातःकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 3 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक
प्रदोषकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 33 से रात 8 बजकर 51 मिनट तक
तृतीया तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर 2021, रात 2 बजकर 33 मिनट से
तृतीया तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021 रात 12 बजकर 18 तक
पूजन विधि (Hartalika teej pujan vidhi)
- हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
- सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
- तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
- इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।
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