Diwali 2022: दीपोत्‍सव के पावन पर्व का आगाज, जानिए क्‍यों मनाई जाती है दीवाली? पूजन का मुहूर्त, महत्‍व और बहुत कुछ

Diwali 2022: मान्यता है कि दीवाली के दिन ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इस कारण इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। जबकि वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी जी का विवाह हुआ था।

0
148
Diwali 2022: top hindi news
Diwali 2022:

Diwali 2022: दीपोत्‍सव के पावन पर्व का आगाज, जानिए क्‍यों मनाई जाती है दीवाली, पूजन का मुहूर्त और महत्‍व दीपोत्‍सव के पावन पर्व दीपावली सोमवार को पूरे देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।यह त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल के बाद वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। एक अन्य मान्यता है कि दीवाली के दिन ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इस कारण इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। जबकि वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी जी का विवाह हुआ था। इस साल अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। दीवाली की शाम को उत्तम मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश और भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है। जानें दीवाली पूजा का शुभ मुहूर्त और बहुत कुछ।

Diwali 2022: top news todday
Diwali 2022:

Diwali 2022: जानिए लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2022

दीपावली 2022 के दिन लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन की अवधि 1 घंटा 23 मिनट की है। प्रदोष काल – 05:43 पीएम से 08:16 पीएम तक और वृषभ काल – 06:53 पीएम से 08:48 पीएम तक रहेगा।

Diwali 2022: इन चीजों के साथ करें देवी लक्ष्‍मी जी का पूजन

Diwali 2022: hindi news on devi lakshmi puja
Diwali 2022

दीवाली हिंदूओं का बड़ा पर्व है। ऐसे में इसका महत्‍व और भी अधिक बढ़ जाता है। दीवाली पूजन में शंख, कमल का फूल, गोमती चक्र, धनिया के दाने, कच्चा सिंघाड़ा, मोती और कमलगट्टे का माला आदि शामिल करना चाहिए। ये सभी वस्‍तुएं देवी लक्ष्‍मी जी को बेहद प्रिय हैं।

Diwali 2022: जानिए दीवाली पर कैसे ऑफिस और दुकान में लक्ष्मी पूजा करें?

ऐसी मान्‍यता है कि दीवाली की रात मां लक्ष्मी स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आती हैं। घर-घर विचरण करती हैं।ऐसे में क्‍या घर और कार्यालय यही वजह है कि दीवाली के दिन ऑफिस और दुकान में अच्छी तरह सफाई करें। कार्यस्थल पर फूलों, लाइटों, रंगोली बनाकर अच्‍छी तरह से सजाएं। दुकान या ऑफिस में पूजा स्थल पर देवी लक्ष्मी और गणपति जी की मूर्ति स्‍थापना के बाद संकल्‍प लें और पूजन करें। उन्हें अष्टगंध, पुष्प, खील, बताशे, मिठाई, फल अर्पित करें। इसके बाद बहीखातों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही बहुत से कारोबारी इसी दिन से नए बहीखातों में कुमकुम से स्वास्तिक और शुभ-लाभ बनाकर अक्षत और पुष्प अर्पित कर काम की शुरुआत करते हैं।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here