Amarnath Yatra 2022: कड़ी सुरक्षा- व्यवस्था के बीच दो दिन बाद यानी 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा से लेकर उनके प्रवास आदि के लिए दक्षिण कश्मीर में व्यवस्था की गई है। वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए अभी तक करीब 3 लाख तीर्थयात्रियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी साझा की है। हर वर्ष अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ओर से किया जाता है।अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होगी।पहली दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर की नुनवान और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटी बालटाल से शुरू होगी।कोरोना के कारण 2 वर्ष के अंतराल के बाद यात्रा शुरू होने जा रही है।
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन देशभर के विभिन्न बैंकों की 566 नामित शाखाओं के माध्यम से हो रहा है।गौरतलब है कि 30 जून से 11 अगस्त 2022 तक चलने वाली यह यात्रा दो साल के अंतराल के बाद हो रही है।
जम्मू कश्मीर के बैंक के एमडी और सीईओ बलदेव प्रकाश ने कहा कि बैंक ने 11 अप्रैल को पंजीकरण शुरू होने के बाद से सिर्फ 13 कार्य दिवसों में देश भर से 20,599 भक्तों को पंजीकृत किया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा के प्रति बढ़ती प्रतिक्रिया का संकेत है।
Amarnath Yatra 2022: यात्रा के दौरान मिलेंगी बैंकिंग सुविधाएं
तीर्थयात्रियों को मार्ग में पैसे अथवा बैंकिंग सुविधाओं को लेकर किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए यात्रा के लिए तय किए गए रूटों पर रास्तों के किनारे पर दो विशेष काउंटर, चार एटीएम और दो माइक्रो-एटीएम लगाए गए हैं। बैंक के पास पंजीकरण के लिए 90 नामित व्यावसायिक इकाइयां हैं जो 3 अगस्त 2022 तक खुली रहेंगी।
Amarnath Yatra 2022: यात्रियों का पहला जत्था 30 जून को रवाना होगा
अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रियों का पहला जत्था जम्मू से 30 जून को रवाना होगा। अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के खतरे के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा “त्रिनेत्र सुरक्षा कवच” बनाया गया है, जो हर खतरे को नाकाम करने में सक्षम है।
अमरनाथ यात्रा के दौरान चप्पे-चप्पे पर ड्रोन और CCTV से निगरानी की जाएगी। इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।आतंकी खतरे के मद्देनजर श्रीनगर से लेकर बालटाल तक यात्रा के दोनों तरफ पहाड़ी इलाकों में भी CRPF की चौकियां भी बनाई गईं हैं।
Amarnath Yatra 2022: समुद्र तल से 13600 फीट ऊंचाई पर है गुफा
पवित्र अमरनाथ यात्रा पर जाने का सपना हर तीर्थयात्री का होता है।यात्रा कठिन एवं दुर्गम पहाड़ी मार्गों से होते हुए गुफा तक पहुंचती है।जानकारी के अनुसार अमरनाथ की गुफा कश्मीर के श्रीनगर शहर से लगभग 140 किलोमीटर दूर है। यह समुद्रतल से 13,600 फीट ऊंचाई पर बनी है।गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर तथा ऊंचाई 11 मीटर है।
Amarnath Yatra 2022: प्राकृतिक बर्फ से बनता है भव्य शिवलिंग
ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। शिवलिंग का निर्माण अपने आप प्राकृतिक बर्फ से होता है। शिवलिंग चंद्रमा की कलाओं के घटने-बढ़ने के साथ घटता-बढ़ता है। सावन माह के अंतिम दिन पूर्णिमा को यह पूरे आकार में आ जाता है। धीरे धीरे शिवलिंग छोटा होता जाता है।
जानकारी के अनुसार अमरनाथ गुफा की खोज जम्मू-कश्मीर के पहलगाम गांव के एक मुस्लिम परिवार ने की थी। ऐसा माना जाता है कि इस परिवार के एक चरवाहे ने इस गुफा की खोज की। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है।
Amarnath Yatra 2022: तीर्थयात्रियों को ये सुविधाएं मिलेंगी
इस साल यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्री वाईफाई, पार्किंग सुविधा मिलेगी।इसके साथ हीडीआरडीओ द्वारा स्थापित बेहतर सुविधाओं से लैस हेल्थ कैंप कई सुविधाओं से लैस हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।इसके लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं।
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