अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि “चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना पड़ेगा।” अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा चुनाव में अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही है।
अपने आरोपों को लेकर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भाजपा प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर रही है और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए हरसंभव हथकंडे अपना रही है।
भाजपा का जवाब
अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने उनकी भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा, “अखिलेश जी पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं, लेकिन इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना गलत है। चुनाव आयोग की वजह से ही वे इतनी बड़ी पार्टी के नेता बने हैं। अगर उन्हें इतनी तकलीफ है, तो अपने विधायकों और सांसदों से इस्तीफा देने के लिए कहें।” उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान बनाए रखना जरूरी है।
अखिलेश यादव के आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि मिल्कीपुर उपचुनाव में पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा के दबाव में सपा बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया और कई जगहों पर मतदान में गड़बड़ी की गई। अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता फैलाई और पुलिस-प्रशासन ने उन्हें खुला संरक्षण दिया।
मतदान प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि कई मतदान केंद्रों पर सपा एजेंटों को बूथ से बाहर कर दिया गया या उन्हें एजेंट बनने ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर ईवीएम खराब होने की शिकायतें मिलीं, जिससे मतदान बाधित हुआ। उन्होंने विशेष रूप से कुटिया अमानीगंज क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां दो घंटे से ज्यादा समय तक मशीन खराब रही, जिससे मतदाताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि कई मुस्लिम महिलाओं को पहचान के नाम पर “भयभीत और अपमानित” किया गया।
मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी
चुनाव आयोग के अनुसार, मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में 65.35% मतदान हुआ, जो 2022 में हुए 60.23% मतदान से अधिक है। आयोग ने दावा किया कि विधानसभा क्षेत्र के सभी 414 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ।