उपराष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बरकरार, तीन नामों पर मंथन तेज, आज बैठक में हो सकता है ऐलान

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विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बरकरार
विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बरकरार

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। नौ सितंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए जहां एनडीए ने पहले ही अपने प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया है, वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाया है। हालांकि विपक्ष ने स्पष्ट किया है कि वह मुकाबले में अपना उम्मीदवार उतारेगा। इस बीच विपक्ष की ओर से तीन नामों की चर्चा जोर पकड़ रही है, जिन पर आज होने वाली बैठक में मुहर लग सकती है।

आज दोपहर होगी विपक्ष की अहम बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर आज दोपहर 12:30 बजे विपक्षी दलों की एक अहम बैठक बुलाई गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक के बाद विपक्ष अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर देगा। सूत्रों के अनुसार विपक्ष इस चुनाव को केवल एक पद की लड़ाई नहीं, बल्कि “लोकतंत्र और संविधान की रक्षा” के रूप में पेश करना चाहता है।

विपक्षी खेमे में तीन नामों पर चर्चा

विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर जिन तीन संभावित नामों पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उनमें पहला नाम इसरो के पूर्व वैज्ञानिक मैलस्वामी अन्नादुरई का है, जिन्होंने देश के ऐतिहासिक चंद्रयान-1 मिशन का नेतृत्व किया था। दूसरा नाम डीएमके के सांसद तिरुचि सिवा का है, जो लंबे समय से राज्यसभा में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। तीसरा नाम महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी का है, जिन्हें विपक्ष संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के प्रतीक के रूप में सामने लाना चाहता है।

एनडीए का दांव: सीपी राधाकृष्णन

उधर, सत्ता पक्ष एनडीए ने अपने उम्मीदवार के तौर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल और तमिलनाडु के सीनियर नेता सीपी राधाकृष्णन का नाम आगे बढ़ा दिया है। भाजपा के इस फैसले ने विपक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि राधाकृष्णन न केवल तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा चेहरा माने जाते हैं, बल्कि उनकी स्वच्छ छवि की भी सराहना की जाती है। दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी गठबंधन के कुछ दल, जैसे सपा और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेताओं ने भी राधाकृष्णन की तारीफ की है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विपक्ष आखिर किस नाम पर सहमति बनाता है और क्या यह मुकाबला वाकई कांटे का होगा।