समाजवादी पार्टी के दो दिग्गज नेता अखिलेश यादव और आजम खान दो साल बाद एक साथ दिखाई दिए। बुधवार (8 अक्टूबर) को अखिलेश यादव रामपुर पहुंचे और आजम खान के आवास पर उनसे मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं की पहली तस्वीर भी सामने आई। अखिलेश यादव रामपुर हेलीकॉप्टर से पहुंचे, जबकि आजम खान ने उन्हें हेलीपैड से घर तक रिसीव किया।
अज़म खान ने मुलाकात की शर्त रखी कि अखिलेश उनसे अकेले ही मिलें, और वे भी अपने बेटे और पत्नी के बिना अकेले मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव इस मुलाकात के माध्यम से आज़म खान की नाराज़गी दूर करना चाहते हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में सपा के लिए अहम
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी यूपी में सपा की मजबूती के लिए आज़म खान की मौजूदगी बेहद जरूरी है। अखिलेश यादव ने इसे देखते हुए आज़म खान को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है, ताकि पार्टी अल्पसंख्यक वोट बैंक में मजबूती हासिल कर सके।
अगर आज़म खान अपनी नाराज़गी छोड़कर सपा के साथ खड़े होते हैं, तो यह पार्टी की पश्चिमी यूपी में स्थिति को मजबूत करेगा और पीडीए गठबंधन को लाभ पहुंचाएगा।
बीजेपी का पलटवार
उत्तर प्रदेश के मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने इस मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब आज़म खान जेल में थे, तब समाजवादी पार्टी ने उनकी कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी के नेता अब मुसलमानों को गुमराह करने की नीयत से रामपुर पहुंचे हैं। यह केवल चुनावी राजनीतिक स्टंट है।”
विश्लेषकों का कहना है कि अब देखना यह होगा कि इस मुलाकात से आज़म खान की नाराज़गी दूर होती है या नहीं, और क्या सपा पश्चिमी यूपी में अपनी पकड़ मजबूत कर पाएगी।