EPIC नंबर विवाद में फंसे तेजस्वी यादव, चुनाव आयोग ने शुरू की जांच, दो वोटर ID कार्ड का मामला

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बिहार की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव खुद को एक नई मुश्किल में पाते नजर आ रहे हैं। उन पर आरोप है कि उनके पास दो अलग-अलग वोटर पहचान पत्र (EPIC नंबर) हैं। अब इस पूरे मामले की जांच चुनाव आयोग ने अपने हाथ में ले ली है।

तेजस्वी का दावा: वोटर लिस्ट से नाम गायब

मामला तब शुरू हुआ जब तेजस्वी यादव ने पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह दावा किया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान में प्रकाशित प्रारंभिक वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपने EPIC नंबर RAB2916120 से सर्च किया, तो उन्हें “नो रिकॉर्ड फाउंड” का संदेश मिला। इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और आयोग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया।

आयोग का जवाब: वैध EPIC नंबर कुछ और

तेजस्वी के दावों पर चुनाव आयोग ने पलटवार करते हुए जानकारी दी कि उनका नाम अभी भी मतदाता सूची में दर्ज है। आयोग के अनुसार, तेजस्वी का वास्तविक EPIC नंबर RAB0456228 है और वह मतदाता सूची में मतदान केंद्र संख्या 204, अनुक्रमांक 416 पर पंजीकृत हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया नंबर रिकॉर्ड में नहीं

तेजस्वी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया EPIC नंबर RAB2916120 आयोग के अनुसार पिछले 10 वर्षों के रिकॉर्ड में कहीं भी नहीं पाया गया है। इससे संदेह उठने लगे हैं कि यह नंबर या तो फर्जी है या अवैध तरीके से बनाया गया है। वहीं, जिस EPIC नंबर के आधार पर तेजस्वी ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव लड़े थे, वह वैध और अधिकृत है।

फर्जीवाड़े की आशंका, आयोग की सख्त जांच

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यदि EPIC नंबर RAB2916120 की वैधता सिद्ध नहीं होती है, तो यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत गंभीर अपराध माना जाएगा। आयोग इस बात की भी जांच कर रहा है कि कहीं आरजेडी के कार्यालय से अन्य फर्जी वोटर आईडी कार्ड तो जारी नहीं किए गए।

विपक्ष ने साधा निशाना, कार्रवाई की मांग

इस पूरे प्रकरण पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लिया है। सम्राट चौधरी ने कहा कि तेजस्वी खुद ही इस घोटाले को उजागर कर बैठे हैं और उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने भारतीय दंड संहिता की धारा 171F के तहत केस दर्ज करने और तेजस्वी के वोटिंग राइट को अस्थायी रूप से निलंबित करने की मांग रखी है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग की जांच में क्या सामने आता है और यह मामला तेजस्वी की राजनीतिक छवि पर कितना असर डालता है।