गुंडागर्दी का इलाज मुमकिन है… अखिलेश यादव के करीबी सांसद का राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला

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अखिलेश यादव के करीबी सांसद का राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला
अखिलेश यादव के करीबी सांसद का राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला

समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के घोसी लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजीव राय ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए सीधे तौर पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया है।

राजीव राय, जो समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं, ने अपनी पोस्ट में खासकर राज ठाकरे पर हमला बोलते हुए लिखा—”अगर हिम्मत है तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को महाराष्ट्र से बाहर निकालकर दिखाइए।” उन्होंने कहा कि गुंडागर्दी का इलाज भी ठीक से हो सकता है।

‘गुंडागर्दी आपकी कायरता है’: घोसी सांसद का वार

सांसद ने राज ठाकरे को संबोधित करते हुए लिखा—”प्रिय राज ठाकरे! क्या आपने कभी सोचा है कि अब तक महाराष्ट्र में आपकी राजनीतिक ताकत क्यों नहीं बन पाई? जब कोई सुनता नहीं है, तो मीडिया में आने के लिए गरीब हिंदी भाषियों को निशाना बनाना आपकी कमजोरी और कायरता दर्शाता है।”

‘हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से कमाई, पर विरोध नहीं’

राजीव राय ने सवाल उठाया कि जिस हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से राज ठाकरे के परिवार को अरबों की कमाई हुई, उसके खिलाफ वह कभी क्यों नहीं बोलते। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड ने हिंदी सिनेमा को वैश्विक पहचान दिलाई है और हज़ारों मराठी परिवारों की रोजी-रोटी भी इसी पर निर्भर है। “अगर हिम्मत है तो हिंदी सिनेमा को मुंबई से बाहर निकालकर दिखाइए,” उन्होंने लिखा।

मराठी भाषा संस्कार की, गुंडागर्दी की नहीं

सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि मराठी भाषा एक समृद्ध और संस्कारों की भाषा है, न कि गुंडागर्दी की। उन्होंने कहा कि भारत का कोई भी हिस्सा किसी की व्यक्तिगत जागीर नहीं है। हर भारतीय नागरिक को देश के हर कोने में बराबरी का अधिकार है, जैसे हर मराठी नागरिक को भी पूरे देश में सम्मान और हक है।

‘शिवाजी पूरे देश के नायक हैं’

उन्होंने लिखा कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र के नहीं, पूरे देश के गौरव हैं। देश की संस्कृति “अतिथि देवो भव” की भावना पर आधारित है, न कि डर और दादागिरी पर। राजीव राय ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा—”गुंडागर्दी का इलाज मुमकिन है… और वह भी पूरी तरह से। इसलिए आत्मचिंतन कीजिए। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा को लेकर फिर से राजनीति गर्माई हुई है।