उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। शहरी विकास विभाग और राज्य चुनाव आयोग ने आगामी चुनावों के लिए अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। आगामी 25 या 26 दिसंबर को अंतिम अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है, जो चुनाव प्रक्रिया को गति देगी और उम्मीदवारों के नामांकन की शुरुआत करेगी।
अधिसूचना पर आपत्तियों का निपटारा, अंतिम रिपोर्ट तैयार
14 दिसंबर को जारी अनंतिम अधिसूचना पर प्राप्त आपत्तियों की सुनवाई पूरी हो चुकी है। शहरी विकास निदेशालय ने नगर निकायों के मेयर और अध्यक्ष पदों के लिए आई आपत्तियों का निपटारा करने के बाद रविवार तक अंतिम रिपोर्ट शासन को भेजने की तैयारी की है। इसके बाद, सोमवार या मंगलवार तक अंतिम अधिसूचना जारी हो सकती है। शहरी विकास विभाग और राज्य चुनाव आयोग दोनों ने मिलकर चुनाव की प्रक्रिया को समय पर और व्यवस्थित तरीके से पूरा करने पर जोर दिया है।
आरक्षण संबंधी आपत्तियों का समाधान
प्रदेश में कुल 100 नगर निकाय हैं, जिनमें 16 नगर निगम, 31 नगर पालिका परिषद और 53 नगर पंचायत शामिल हैं। अनंतिम अधिसूचना पर दर्ज अधिकतर आपत्तियां आरक्षण से संबंधित थीं। कई स्थानों पर उम्मीदवारों और स्थानीय जनता ने आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे, जिस पर शहरी विकास विभाग ने देर रात तक काम किया। अब लगभग सभी आपत्तियों का समाधान कर लिया गया है और अंतिम रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
आधिकारिक अधिसूचना के बाद नामांकन की प्रक्रिया
अधिसूचना जारी होने के बाद उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही, मतदान और मतगणना की तिथियों का भी ऐलान किया जाएगा। चुनाव आयोग ने सभी जिलों के अधिकारियों को चुनाव की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अब सभी दल अपनी-अपनी उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे और चुनाव प्रचार शुरू होगा।
चुनाव आयोग की दिशा-निर्देश और आचार संहिता
चुनाव आयोग ने इस बार आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को गड़बड़ी होने पर तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। साथ ही, चुनाव प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय विकास और राजनीतिक भविष्य के लिए अहम चुनाव
नगर निकाय चुनाव उत्तराखंड की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये स्थानीय प्रशासन में जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करते हैं और शहरी विकास की योजनाओं को आकार देते हैं। इन चुनावों का परिणाम राज्य के राजनीतिक और विकास की दिशा तय कर सकता है, यही कारण है कि प्रदेश के लोग इन चुनावों को लेकर उत्साहित हैं।
अब, सभी की निगाहें 25 या 26 दिसंबर पर टिकी हैं, जब चुनाव आयोग से अंतिम अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है।