नीतीश सरकार में कैबिनेट विस्तार की तैयारी, 6-7 नए चेहरे को मिल सकती है जगह, जातीय संतुलन पर फोकस

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नीतीश सरकार में कैबिनेट विस्तार की तैयारी
नीतीश सरकार में कैबिनेट विस्तार की तैयारी

बिहार में इस साल (2025) विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इसी के मद्देनजर नीतीश कुमार की सरकार कैबिनेट विस्तार की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल संभव है, जिसमें 6 से 7 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।

ऐसे मंत्री जिनके पास एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी है, उनके कार्यभार में बदलाव किया जा सकता है। मौजूदा समय में कई मंत्री ऐसे हैं जिनके पास दो या तीन विभाग हैं। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा तीन विभागों का कार्यभार संभाल रहे हैं, वहीं संतोष सुमन के पास भी तीन मंत्रालय हैं। मंगल पांडेय, नीतीश मिश्रा और प्रेम कुमार जैसे मंत्रियों के पास दो-दो विभाग हैं। माना जा रहा है कि इन मंत्रियों के विभागों का पुनर्गठन कर कुछ नए नेताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को छोड़ना पड़ सकता है मंत्री पद

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। बीजेपी के संगठनात्मक नियमों के अनुसार, ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का सिद्धांत लागू होता है। पहले भी जब सम्राट चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था, तब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था। इसी तर्ज पर दिलीप जायसवाल को भी मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है।

जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर होगा कैबिनेट विस्तार

सूत्रों के मुताबिक, इस विस्तार में जातीय संतुलन बनाए रखने की पूरी कोशिश होगी। अगड़ी जातियों से दो मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, जिसमें राजपूत और भूमिहार समुदाय से एक-एक प्रतिनिधि शामिल होने की संभावना है। अति पिछड़ा वर्ग से दो नए मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें एक मंत्री तेली समुदाय से होने की संभावना है। पिछड़ा वर्ग से भी एक मंत्री को कैबिनेट में स्थान मिल सकता है।

फिलहाल, बिहार सरकार में कुल 30 मंत्री कार्यरत हैं, जबकि अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। खबरों की मानें तो बीजेपी कोटे से 3-4 और जेडीयू कोटे से 2-3 नए चेहरों को जगह मिल सकती है। चूंकि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए इस विस्तार में जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की जाएगी।