कश्मीर में राष्ट्रगान विवाद: महबूबा मुफ्ती का बयान, बीजेपी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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कश्मीर में राष्ट्रगान विवाद
कश्मीर में राष्ट्रगान विवाद

जम्मू-कश्मीर में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर तीखे आरोप लगाए हैं। उन्होंने बुधवार (1 अक्टूबर) को कहा कि कश्मीर के लोग राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने के लिए ‘बंदूक के बल’ पर मजबूर किए जा रहे हैं। महबूबा के इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा– सरकार की विफलता

महबूबा ने अपने बयान में कहा कि यदि लोग राष्ट्रगान के समय खड़े नहीं होते हैं तो यह सरकार की असफलता को दर्शाता है। उन्होंने शहर के बघाट इलाके में कहा,
“हमारे छात्र जीवन में कभी भी किसी पर जबरदस्ती नहीं की जाती थी। राष्ट्रगान के दौरान हम स्वाभाविक रूप से खड़े होते थे। आज लोगों को खड़े होने के लिए मजबूर किया जा रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”

फुटबॉल टूर्नामेंट में विवाद

महबूबा का बयान उस घटना के संदर्भ में आया है, जब 30 सितंबर की शाम श्रीनगर के टीआरसी फुटबॉल मैदान में राष्ट्रगान बजते समय कई युवा पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए थे। पुलिस के अनुसार, 15 दर्शकों ने राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने का पालन नहीं किया।

दर्शकों के परिवारों का कहना है कि बैंड की धीमी और अस्पष्ट प्रस्तुति के कारण उन्हें राष्ट्रगान शुरू होने का अंदाज़ा ही नहीं हुआ। यह फुटबॉल टूर्नामेंट पुलिस शहीदों की याद में आयोजित किया गया था, और इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।

जम्मू-कश्मीर पुलिस का रुख

सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए जाने का कारण राष्ट्रगान के दौरान प्रोटोकॉल का पालन न करना बताया गया है। भारतीय कानून, राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज के जानबूझकर अनादर पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।