दिलीप घोष की ममता बनर्जी से दीघा में मुलाकात से सियासी अटकलें तेज़, भाजपा में मचा घमासान

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दिलीप घोष की ममता बनर्जी से दीघा में मुलाकात से सियासी अटकलें तेज़
दिलीप घोष की ममता बनर्जी से दीघा में मुलाकात से सियासी अटकलें तेज़

पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने बुधवार को अपनी पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा स्थित नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में दर्शन किए। इस कार्यक्रम में वे राज्य सरकार के औपचारिक निमंत्रण पर पहुंचे थे। मंदिर के उद्घाटन समारोह की अगुवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की, और इसी दौरान घोष और ममता की मुलाकात ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी।

घोष शाम लगभग 5:16 बजे मंदिर पहुंचे जहां राज्य के ऊर्जा मंत्री अरूप विश्वास और तृणमूल प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने पत्नी के साथ मंदिर में पूजा की और परिसर का भ्रमण भी किया। इसके बाद मंदिर में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुस्कुराते हुए संवाद किया—एक दुर्लभ दृश्य, क्योंकि घोष लंबे समय से ममता के कटु आलोचक माने जाते रहे हैं।

TMC में शामिल होने की अटकलों पर दिलीप घोष ने क्या कहा?

मीडिया में चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए दिलीप घोष ने स्पष्ट किया कि TMC में शामिल होने का उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार की ओर से औपचारिक निमंत्रण मिला था और भाजपा की ओर से वहां जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी। “मैं यहां सिर्फ एक आमंत्रित अतिथि के रूप में आया हूं,” उन्होंने पत्रकारों से कहा।

घोष ने यह भी जोड़ा कि मंदिर सबके लिए है और वहां वह सिर्फ एक श्रद्धालु के रूप में पहुंचे थे। “मंदिर में कोई राजनीति नहीं होती। राजनीति मंदिर के बाहर होती है, अंदर नहीं,” उन्होंने स्पष्ट किया।

भाजपा में बवाल, सांसद सौमित्र खां का हमला

जहां घोष इस मुलाकात को सौहार्द्र और परंपरा का प्रतीक मान रहे हैं, वहीं भाजपा के कई नेता इससे खफा नजर आए। विष्णुपुर से भाजपा सांसद सौमित्र खां ने घोष पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें बंगाल भाजपा की ‘शर्म’ बताया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा—“दिलीप बाबू, आप इस बात का उदाहरण हैं कि कोई उद्धारकर्ता से भक्त कैसे बन सकता है… इतना बेशर्म आदमी होना भी कला है।”

पूर्व सांसद अनुपम हाजरा ने भी दिलीप घोष पर तंज कसते हुए लिखा—“दिलीपदा, अब आपकी नई शादी हुई है, आराम से चिल कीजिए।”

कई वरिष्ठ भाजपा नेता रहे दूर

कार्यक्रम में आमंत्रण मिलने के बावजूद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी जैसे वरिष्ठ नेता कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। हालांकि इन दोनों ने दिलीप घोष की मौजूदगी को उनका “निजी निर्णय” बताया।

दिलीप घोष ने भी इसे व्यक्तिगत उपस्थिति बताया और कहा कि उनका उद्देश्य केवल मंदिर में दर्शन करना और मुख्यमंत्री द्वारा बनाए गए इस भव्य धार्मिक स्थल की सराहना करना था।

हालांकि दिलीप घोष ने किसी भी राजनीतिक फेरबदल की संभावना से इनकार किया है, लेकिन TMC के कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनकी सौहार्द्रपूर्ण बातचीत ने राज्य की राजनीति में हलचल जरूर पैदा कर दी है। भाजपा के अंदरूनी मतभेद अब सार्वजनिक मंचों पर भी नजर आने लगे हैं, और ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आगामी चुनावों से पहले बंगाल भाजपा को आत्ममंथन करने की आवश्यकता है।