Mallikarjun Kharge on Dalit atrocities: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश में दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इन मामलों पर “आंखें मूंदे हुए हैं” जबकि देश में दलितों और आदिवासियों पर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं।
खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 से 2023 के बीच दलितों के खिलाफ अपराध में 46 प्रतिशत, और आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 91 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।”
हालिया घटनाओं को बताया आरएसएस-भाजपा की सोच का परिणाम
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देशभर में हाल में हुई जातीय हिंसा और भेदभाव की घटनाएं “आरएसएस-भाजपा की सामंतवादी सोच” का खतरनाक प्रदर्शन हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “हरियाणा में आईपीएस अधिकारी से जातिगत भेदभाव, हरिओम वाल्मीकि की प्रताड़ना, प्रधान न्यायाधीश का अपमान, और भाजपा शासित राजस्थान के सवाई माधोपुर में दलित बुजुर्ग कमला देवी रैगर पर अत्याचार — ये सभी घटनाएं अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि एक ही विचारधारा का प्रतिबिंब हैं।”
खरगे ने कहा कि यह स्थिति भारत के संविधान और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस का उद्देश्य वंचित वर्गों को डराकर दबाना है, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।
प्रियंका गांधी ने भी साधा निशाना, कहा – “भाजपा राज दलितों के लिए अभिशाप”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी हरियाणा में आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “जातीय प्रताड़ना से परेशान होकर आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार जी की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। भाजपा शासन दलितों के लिए अभिशाप बन गया है।”
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि चाहे कोई आम नागरिक हो या उच्च पदस्थ अधिकारी, अगर वह दलित समाज से है, तो उसे अन्याय और अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ता है। उन्होंने रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या और न्यायपालिका में जातीय अपमान की घटनाओं का भी उल्लेख किया।
खरगे बोले – “भारत संविधान से चलेगा, किसी विचारधारा के फरमान से नहीं”
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पोस्ट में कहा कि यह समय सरकार को आत्ममंथन करने का है। उन्होंने लिखा, “दलित, पिछड़े, आदिवासी और वंचित समाज को डराकर दबाने की राजनीति संविधान की आत्मा पर चोट है। भारत संविधान से चलेगा, किसी कट्टर विचारधारा के फरमान से नहीं।”
खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने “राजनीतिक तमाशों” में व्यस्त हैं, जबकि कमजोर तबके के लोग रोज अत्याचार झेल रहे हैं।