जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश है। इस हमले में बाइसरण घाटी में 26 पर्यटकों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हो गए। इसे 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार को कुछ अहम सुझाव दिए हैं।
संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
कपिल सिब्बल ने कहा कि इस तरह की गंभीर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। सिब्बल ने कहा, “आज देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है, लेकिन यह वक्त है कि सभी मिलकर समाधान की दिशा में सोचें।”
पाकिस्तान को ‘आतंकी देश’ घोषित करने की वकालत
सिब्बल ने पाकिस्तान को केवल एक पड़ोसी देश नहीं, बल्कि आतंक को बढ़ावा देने वाला संगठन बताया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत, पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कड़ी कार्रवाई करे। उनका कहना था कि जैसे युद्ध अपराधों पर अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुकदमे चलते हैं, वैसे ही पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने के लिए कठघरे में लाया जाए।
गृह मंत्री से की अपील
राज्यसभा सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि पाकिस्तान को आधिकारिक रूप से ‘आतंक फैलाने वाला राष्ट्र’ घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह स्पष्ट संदेश मिलना चाहिए कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।
पाकिस्तानी आर्मी चीफ के बयान पर भी सवाल
सिब्बल ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के उस बयान पर भी चिंता जताई, जिसमें उन्होंने कश्मीर को ‘गले की नस’ बताया था। सिब्बल के अनुसार, बाइसरण घाटी में हुआ हमला कोई सामान्य आतंकी वारदात नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी, जिसका मकसद भारत को अस्थिर करना था।