दिल्ली में एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर पर मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई राजधानी के अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ी है। इस मामले में सौरभ भारद्वाज और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन जांच के दायरे में हैं। ईडी ने इस घोटाले को लेकर पहले ही अपनी ECIR दर्ज कर रखी थी।
ईडी की रेड पर आप का पलटवार
छापेमारी के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित तथा निराधार बताया।
संजय सिंह का बयान:
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि सौरभ भारद्वाज के खिलाफ दर्ज किया गया मामला पूरी तरह झूठा है। “जब ईडी ने यह केस दर्ज किया था, उस वक्त वह मंत्री भी नहीं थे। दरअसल, मोदी सरकार की रणनीति है कि झूठे मामलों में फंसाकर आप नेताओं को परेशान किया जाए और जेल में डाला जाए। पीएम मोदी की कथित फर्जी डिग्री से जनता का ध्यान हटाने के लिए यह रेड कराई गई है,” संजय सिंह ने आरोप लगाया।
आतिशी का बयान:
वहीं, दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी रेड को राजनीति से जोड़ते हुए कहा, “आज सौरभ जी के यहां छापा क्यों मारा गया? क्योंकि पूरे देश में मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं। इसी बहाने लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। जिस केस की बात हो रही है, उस दौरान सौरभ जी मंत्री भी नहीं थे। यानी पूरा मामला ही मनगढ़ंत है। सत्येंद्र जैन को तीन साल जेल में रखकर भी अंत में सीबीआई और ईडी को क्लोजर रिपोर्ट देनी पड़ी। इससे साफ है कि AAP नेताओं पर लगाए गए सभी आरोप सिर्फ राजनीतिक बदले की कार्रवाई हैं।”
क्या है अस्पताल निर्माण घोटाला?
यह मामला करीब ₹5,590 करोड़ के प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसे 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 नए अस्पताल बनाने के लिए मंजूरी दी थी। नियमों के अनुसार ICU और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं 6 महीने में तैयार हो जानी चाहिए थीं, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी ज्यादातर काम अधूरा पड़ा है।
- अब तक लगभग ₹800 करोड़ खर्च किए जाने के बावजूद सिर्फ 50% काम ही पूरा हो पाया।
- LNJP अस्पताल की लागत ₹488 करोड़ से बढ़कर ₹1,135 करोड़ तक पहुंच गई, लेकिन निर्माण में कोई खास प्रगति नहीं हुई।
- कई जगहों पर बिना मंजूरी निर्माण कार्य शुरू हुआ और ठेकेदारों पर अनियमितताओं के आरोप लगे।
- हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (HIMS) प्रोजेक्ट 2016 से अटका हुआ है, जिसे जानबूझकर टालने के आरोप सामने आए हैं।
- कुल मिलाकर, ईडी की यह कार्रवाई दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा कर रही है।