बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज़ हो चुकी हैं और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पत्ते खोलने लगे हैं। इसी क्रम में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की संसदीय बोर्ड बैठक में एक अहम निर्णय लिया गया है। पार्टी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में नया उत्साह देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में चिराग पासवान ने NDTV को दिए एक इंटरव्यू में यह संकेत दिया था कि कार्यकर्ता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और उनका विज़न “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के इर्द-गिर्द घूमता है। अब इस बयान की पुष्टि पार्टी की रणनीतिक बैठक में हो गई है।
प्रमुख सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
पार्टी सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान इस बार चुनाव प्रचार के साथ-साथ खुद भी किसी प्रमुख सामान्य सीट से मैदान में उतरेंगे। सांसद अरुण भारती ने भी ट्वीट कर इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा है कि कार्यकर्ता चाहते हैं चिराग पासवान किसी आरक्षित नहीं, बल्कि सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, जिससे यह संदेश जाए कि वे अब पूरे बिहार का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।
चिराग पासवान का मजबूत स्टैंड
एनडीटीवी से हुई खास बातचीत में चिराग ने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी किसी की प्रॉक्सी पार्टी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन कई मुद्दों पर उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर अपनी राय रखी है — फिर चाहे वो जातीय जनगणना हो या धार्मिक ध्रुवीकरण।
उनके अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी से उनका व्यक्तिगत जुड़ाव बेहद गहरा है। उन्होंने बताया कि पीएम ने हाल ही में उन्हें बिहार की धरती पर मिलकर ‘युवा बिहारी’ कहकर संबोधित किया — जिसे चिराग ने एक बड़े सम्मान के रूप में लिया।
क्या बदलेगा बिहार का सियासी समीकरण?
चिराग पासवान की उम्मीदवारी को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज़ हैं। माना जा रहा है कि उनका मैदान में उतरना न सिर्फ पार्टी के लिए जोश भरने वाला है, बल्कि एनडीए गठबंधन को भी मजबूती देगा। युवा नेतृत्व, नए विचार और स्पष्ट विज़न के साथ चिराग अब एक व्यापक भूमिका निभाने की तैयारी में हैं।