बिहार की राजनीति में इन दिनों ‘जमाई आयोग’ और ‘दामाद आयोग’ जैसे शब्दों को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। मंगलवार, 17 जून 2025 को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने एक्स (X) अकाउंट से एक एआई वीडियो शेयर करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी खास परिवार के दामाद नहीं हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पोषित “बिहार राज्य दामाद आयोग” में आवेदन नहीं कर सकते।
तेजस्वी ने पोस्ट में लिखा, “एनडीए यानी ‘नेशनल दामाद आयोग’ में आम जनता के लिए कोई जगह नहीं है। यह मंच केवल खास लोगों के लिए आरक्षित है।” इस व्यंग्यात्मक टिप्पणी पर अब केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने तीखा जवाब दिया है।
मांझी का जवाब: “बदला लेंगे, बदल देंगे”
तेजस्वी के कटाक्ष का जवाब देते हुए जीतन राम मांझी ने लिखा, “बदला लेंगे, बदल देंगे, तोड़ देंगे आपका घमंड।” उन्होंने लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह परिवार मुसलमानों के वोट से सत्ता में आता है, लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं देता।
“मुसलमान वोट दें और राज्यसभा जाएं मीसा भारती”
मांझी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए लिखा, “वोट मुसलमान दें, और सत्ता भोगें लालू यादव। वोट दें मुसलमान, और नेता प्रतिपक्ष बनें तेजस्वी। मुसलमानों के वोट से मीसा भारती राज्यसभा जाएं, तेज प्रताप मंत्री बनें, और बहस भी मुसलमान करें। आखिर ये कब तक चलेगा?”
राबड़ी, रोहिणी और मुस्लिम वोटर्स पर भी बोले मांझी
अपने पोस्ट में मांझी ने रोहिणी आचार्य को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने लिखा, “विदेश से आएंगे मुसलमान वोट देने, सिंगापुर से आकर चुनाव लड़ेंगी रोहिणी आचार्य। मुसलमान रैलियों में भीड़ जुटाएं और विधान परिषद में राबड़ी देवी नेता बनें। आखिर मुसलमानों को कब तक सिर्फ उपयोग की वस्तु समझा जाएगा?”
उन्होंने यह भी कहा, “अब मुसलमान और दलित आपकी दरी नहीं बिछाएंगे। अब उनका राजनीतिक इस्तेमाल बंद होगा।” जीतन राम मांझी की इस तीखी प्रतिक्रिया के बाद बिहार की राजनीति और गरमा गई है। तेजस्वी यादव और लालू परिवार को घेरने की इस रणनीति से एनडीए के सियासी तेवर साफ झलकते हैं। आने वाले दिनों में इस बयानबाज़ी का असर विधानसभा से लेकर सड़कों तक देखने को मिल सकता है।