प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि एक ओर पूरा देश और दुनिया छठी मईया के जयकारों से गूंज रही है, वहीं कांग्रेस और आरजेडी के नेता इस पावन पर्व को ड्रामा और नौटंकी बताकर उसकी आस्था का अपमान कर रहे हैं। पीएम मोदी ने सवाल किया — “क्या सिर्फ वोट पाने के लिए कोई इतना बड़ा अपमान कर सकता है? क्या बिहार की जनता इसे माफ करेगी?”
उन्होंने आगे कहा कि जो महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं, गंगा में खड़ी होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं, उनका अपमान करना घोर निंदनीय है। “क्या ऐसी तपस्विनी माताओं-बहनों का अपमान बिहार की जनता सह लेगी? ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए या नहीं?” उन्होंने जनसभा में उपस्थित भीड़ से पूछा।
छठ पर्व को बताया कांग्रेस की नजर में ‘ड्रामा’
पीएम मोदी ने कहा कि छठ पर्व बिहार की आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रतीक है। लेकिन कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां इसे केवल नौटंकी समझती हैं। उन्होंने कहा कि “जो माताएं छठी मईया के गीतों से घर-घर में भक्ति का वातावरण बनाती हैं, जो निर्जला व्रत रखती हैं, वही इन लोगों की नजर में ड्रामा करती हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता इस अपमान को कभी नहीं भूलेगी।
‘जंगलराज’ की पहचान – कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन
प्रधानमंत्री ने आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन पर हमला जारी रखते हुए कहा, “मैं इनके शासन की पहचान सिर्फ पाँच शब्दों में बताता हूँ — कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन। यही जंगलराज की पहचान है।” उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के शासन में कानून व्यवस्था कमजोर हुई, समाज में वैमनस्य बढ़ा और विकास रुक गया।
“जहां करप्शन, वहां सामाजिक न्याय नहीं” – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जहां आरजेडी और कांग्रेस का कुशासन होता है, वहां विकास और सामाजिक न्याय की बात नहीं होती। “गरीब का हक छीना जाता है, कुछ परिवार ही फलते-फूलते हैं। क्या ऐसे लोग बिहार का भला कर सकते हैं?” उन्होंने कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग, रोजगार और कानून का शासन चाहिए, लेकिन जिनका इतिहास भूमि कब्जाने और घोटालों से जुड़ा हो, वे विकास की बात कैसे करेंगे?
छठ महापर्व आस्था और समरसता का प्रतीक: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ महापर्व के बाद उनकी यह पहली सभा है। “छठी मईया की पूजा में समता, ममता और सामाजिक एकता का संदेश है। यह हमारी साझा संस्कृति और परंपरा का उत्सव है। हमारी सरकार चाहती है कि दुनिया भी छठ के इन मूल्यों से प्रेरणा ले।”









