दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को भारी हंगामे के बाद आतिशी समेत आम आदमी पार्टी (AAP) के 12 विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया। बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक उप-राज्यपाल विनय सक्सेना के अभिभाषण के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
आप विधायकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी गई। इस मुद्दे पर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कार्रवाई करते हुए इन विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। हंगामे को नियंत्रित करने के लिए मार्शल बुलाए गए और स्पीकर ने आदेश दिया – “फॉलो द ऑर्डर”। इसके बाद सभी 12 विधायकों को विधानसभा से बाहर कर दिया गया।
विधानसभा के बाहर आप विधायकों का विरोध प्रदर्शन
सस्पेंड किए जाने के बाद AAP विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने आंबेडकर की तस्वीरें हाथ में लेकर नारेबाजी की। इस दौरान मीडिया से बातचीत में आतिशी ने कहा,
“बीजेपी सरकार ने दिल्ली में बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर को हटाकर नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय, विधानसभा और अन्य सरकारी दफ्तरों में भी यही किया गया है। आपको लगता है कि नरेंद्र मोदी, आंबेडकर जी की जगह ले सकते हैं? यह कभी नहीं होगा। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे और इसका कड़ा विरोध जारी रहेगा।”
आंबेडकर की तस्वीर पर छिड़ी सियासी जंग
इस मुद्दे पर आप और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं। आप का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर आंबेडकर की तस्वीर हटाई, जबकि बीजेपी का दावा है कि तस्वीर हटाई नहीं गई बल्कि दूसरी जगह स्थानांतरित की गई है।
विधानसभा सत्र पहले से ही हंगामेदार होने की आशंका थी क्योंकि इस दौरान कैग (CAG) की रिपोर्ट पेश की जानी थी। इससे पहले ही AAP ने भगत सिंह और आंबेडकर की तस्वीर को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया।
बीजेपी का कहना है कि विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रहा है और तथ्य गलत तरीके से पेश किए जा रहे हैं। वहीं, AAP का आरोप है कि सरकार ने आलोचना से बचने के लिए आनन-फानन में हटाई गई तस्वीरें दूसरी जगह लगा दी हैं। अब देखना होगा कि यह विवाद कहां तक पहुंचता है और क्या AAP और बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर कोई समाधान निकलता है या नहीं।